Tuesday 30 October 2018

भाजपा और राम मंदिर

#भाजपा यदि मंदिर बनाने के लिए सचमुच ही इच्छुक है तो आज का दिन उसे खुशी से #नाचने का दिन है। क्योंकी #सुप्रीम कोर्ट ने उसे अपने एजेंडा पुरा करने का भरपूर समय दे दिया है। यदि भाजपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निगाह रखेगी तो उसे #निराशा के अलावा कुछ हासिल नही होगा। ॰.. ऐसे में भाजपा के पास एक ही #मार्ग बचा है कि वह मंदिर निर्माण के लिए सदन के आगामी सत्र में एक #विधेयक रखे। अगर भाजपा ऐसा करती है, तो उसे इससे काफी फायदा होगा। दरअसल, अगर सरकार #सदन में मंदिर के लिए #विधेयक रखती है, तो #हिंदू धर्म को मानने वालों में यह संदेश जाएगा कि सरकार #मंदिर निर्माण चाहती है, वहीं इस समय विपक्ष जिस तरह से मंदिर की राजनीति कर रहा है, उसे भी अपना मत स्पष्ट करना होगा। ॰ ...अगर #खनग्रेस #विधेयक का विरोध करती है, तो सरकार को कांग्रेस को इस मसले पर #घेरने का मौका मिल जाएगा और अगर कांग्रेस अपने #हिंदुत्व के नए एजेंडे के तहत #वि​धेयक का समर्थन करती है, तो उसकी #महागठबंधन की #कोशिशों को झटका लगेगा और हो सकता है कि #गठबंधन बिखर भी जाए। अगर ऐसा हुआ, तब भी #बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा और वह आगामी चुनावों में फिर से #सत्ता में आ सकती है। ०अगर #खनग्रेस विधेयक का समर्थन करती है तो #राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा और #बहुसंख्यक वोट bjp को मिल जाएगा। ॰...कुल मिलाकर कहा जाए, तो राम #जन्मभूमि पर सुनवाई #टलना एक तरह से बीजेपी के लिए जीत की #संजीवनी साबित हो सकती है। अगर बीजेपी इस मौके का सही फायदा उठा लेती है, तो अगले #लोकसभा चुनाव में उसकी जीत #सुनिश्चित हो सकती है। इसलिए मेरे हिसाब से आज #भाजपा के लिए मायूस होने का नही -- खुशी से नाचने का दिन है। ०शर्त है कि bjp विधेयक संसद के #शीत सत्र में लेकर आये

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