एक बार एक गांव में एक सन्त रहता था जिसका नाम हड़पी राम जी था उन्होंने एक बार आक लड़के से मिले तो उन्होंने उस लड़के से कहा कि क्या आप मेरे चेला बनना पसन्द करोगे तो उस लड़के ने उनके सामने ही पूरी तरह से मना कर दिया पर क्या करे इनके मारे में तो कहना भी गुना समान था क्योंकि इनका स्वभाव कुछ ऐसा ही था जिसके कारण किसी की भी हिमत नही होती कि हम क्या करे पर उनका इतना प्रकोप था कि पूरा गांव उनसे राजा की तरह कापते थे पर वो सन्त बाहर से कठोर ओर अंदर से कोमल थे वो हमेशा भगवान की भक्ति में लगे रहते थे अब इन सन्त का बुढापा आना जायज था पर उनको अब धीरे धीरे चेले की आवश्यक महसूस होने लगी और वो एक दिन व से निकल जाते है चेले को खोजने के लिए उनको चेले को टूटते हुए लगभग चार महीने हो जाते है और उन्हें उनकी सपलता मिल ही जाती है अब आप को इस बात पर विचार करना चाहिए या एब्स विचार आना चाहिए कि वो सन्त चार मिहिने में कितने गांव व किलोमीटर तक गुमते रहे होंगे जिसके कारण उन्हें सपलता मिली अब में आपको बताता हो कि उन सन्त ने टोटल 1000 गांव वे 20000 किलोमीटर का भृमण किया था अब उन सन्त को ऐसा चेला मिला कि जो बहुत बदमास था अब आप उसकी बदमासी का अंदाजा तक नही लगा सकते है
चेला
एक दिन की बात है कि वो चेला किसी काम से बाहर जाता है और व जाते समय बारिश आ जाती है जिसके कारण चेला भीग जाता है अब चेले के मन मे विचार आता है कि रोज रोज सन्त अपने से काम करवाता है आज तो में इसका इलाज करके ही रहूँगा तो उस चेले ने कुटिया में आकर के सो जाता है और ऐसे करते हुए उसे शाम का समय हो जाता है तब सन्त उसे बुलाते हैं तो वो बोलता तक नहीं तभी सन्त उसके चेले के पास जाता है और उसे शाम का भोजन बनाने का बोलता है तो चेला सन्त को कहता है कि आपने मेरे को दिन के समय बाहर भेजा था तो उस समय बारिश आई और उस मै पूरी तरह से भीग गया था जिसके कारण मुझे बहुत तेज बुखार आ रहा आज का खाना तो आपको ही बनाना पड़ेगा तो सन्त बहुत टेंसन में आ जाता है पर आखिरकार खाना तो सन्त को ही बनाना पड़ता है और वो चेला अपनी चालाकी में सफल होता है.
चेला
एक दिन की बात है कि वो चेला किसी काम से बाहर जाता है और व जाते समय बारिश आ जाती है जिसके कारण चेला भीग जाता है अब चेले के मन मे विचार आता है कि रोज रोज सन्त अपने से काम करवाता है आज तो में इसका इलाज करके ही रहूँगा तो उस चेले ने कुटिया में आकर के सो जाता है और ऐसे करते हुए उसे शाम का समय हो जाता है तब सन्त उसे बुलाते हैं तो वो बोलता तक नहीं तभी सन्त उसके चेले के पास जाता है और उसे शाम का भोजन बनाने का बोलता है तो चेला सन्त को कहता है कि आपने मेरे को दिन के समय बाहर भेजा था तो उस समय बारिश आई और उस मै पूरी तरह से भीग गया था जिसके कारण मुझे बहुत तेज बुखार आ रहा आज का खाना तो आपको ही बनाना पड़ेगा तो सन्त बहुत टेंसन में आ जाता है पर आखिरकार खाना तो सन्त को ही बनाना पड़ता है और वो चेला अपनी चालाकी में सफल होता है.