Wednesday 24 October 2018
मोदी - एक नया कारनामा जरूर पढ़ें
उन्होंने सोचा भी ना था मोदी जी - CBI में उनका खेल ऐसे ख़तम करेंगे - कांग्रेस को मजबूर करेंगे अपने को बेनकाब करने के लिए - कल आधी रात को मोदी जी के CBI के सफाई अभियान ने कांग्रेस और पूरे विपक्ष के गुर्दे लाल कर दिए --CBI प्रमुख अलोक वर्मा, स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और अतिरिक्त डायरेक्टर ए के शर्मा को छुट्टी पर भेज दिया और 13 अधिकारी ट्रांसफर कर दिए -- राहुल गाँधी और उसके चमचे और दल्ला प्रशांत भूषण दहाड़ें मार रहे हैं कि रफाल जांच से बचने के लिए वर्मा को हटाया गया है --सुरजेवाला कह रहा है CBI पर मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक की है --और प्रशांत भूषण कह रहा है अलोक वर्मा भ्रष्ट अस्थाना के खिलाफ जांच कर रहा था इसलिए हटाया गया --अलोक वर्मा केंद्र के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है जिसकी सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी -अभी से अस्थाना को "भ्रष्ट" कैसे कह दिया भूषण ने जबकि कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ -- इस घटनाक्रम से कुछ बातें साफ़ हो रही हैं जो संक्षिप्त में लिख रहा हूँ -- ---राकेश अस्थाना ने CVC को अलोक वर्मा के खिलाफ मोईन कुरैशी से 2 करोड़ की रिश्वत लेने की शिकायत की थी जिसकी जांच चल रही है ऐसा आज बताया गया है -- --उसके पहले ही अलोक वर्मा ने अस्थाना के खिलाफ उसी मामले में यानि 2 करोड़ की रिश्वत कुरैशी से लेने के लिए FIR दर्ज कर दी मगर अस्थाना की हाई कोर्ट में अर्जी पर कोर्ट ने यथा स्तिथि बनाये रखने के लिए कहा -- --CBI ने FIR में बदलाव के लिए एक दिन का समय माँगा --इसका मतलब है CBI का केस पुख्ता नहीं था वरना बदलाव की क्या जरूरत होती --यानि FIR गई गंगा पानी में हुकूमत बदलने के बाद -- --ऐसा प्रतीत होता है अलोक वर्मा के खिलाफ CVC की जांच का नतीजा आने को था जिसकी वजह से वर्मा ने उसके पहले ही FIR दर्ज कर दी यानि आफत आने से पहले ही हमला कर दिया -- --सरकार ने उपरोक्त तीनों खलीफाओं को छुट्टी पर भेज दिया वो भी कुछ समय के लिए CVC के अनुमोदन पर -- --मगर वर्मा कुछ ज्यादा ही परेशान हो गया जो सरकार की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी --इसका मतलब साफ़ है वर्मा विपक्ष के जिस एजेंडे पर काम कर रहा था वो खटाई में पड़ गया --विपक्ष और कांग्रेस खुद को बेनकाब कर रहा है और साबित कर रहा है वर्मा उनका आदमी है -- --वर्मा को प्रशांत भूषण, अरुन शौरी और यशवंत सिन्हा रफाल मामले की जांच करने के लिए 150 पेज की शिकायत दे कर आये थे --जिस तरह भूषण, राहुल गाँधी और उसके लोग फड़फड़ा रहे हैं उससे लगता है वर्मा ने इन लोगों को आश्वस्त कर दिया था कि वो रफाल की जांच शुरू कर देगा -- --इसीलिए ये चीख रहे हैं कि रफाल की जांच करने वाले थे वर्मा इसलिए उन्हें हटा दिया --ये सब वर्मा के के साथ मिल कर मोदी खिलाफ साजिश कर रहे थे मगर मोदी ने हंटर चला दिया -- --प्रशांत भूषण वो शख्स है जिसने वर्मा के डायरेक्टर बनने से पहले अदालत शोर मचाया था कि ये मोदी का आदमी है इसे डायरेक्टर ना बनाया जाये - आज ये ही आदमी उसके हटने पर विधवा विलाप कर रहा है --कितने करोड़ की रिश्वत दी होगी प्रशांत भूषण गिरोह ने वर्मा को रफाल पर जांच शुरू करने के लिए, वो सारी रकम डूब गई -- --ये प्रशांत भूषण वो ही आदमी है जिसने डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से जांच के आदेश कराये थे --अब लगता है इसी वो जांच बंद करा दी है --कितना पैसा खाया होगा, ये ही जानता है -- --कल कांग्रेस के PIDI पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगते थे और आज कह रहे हैं सर्जिकल स्ट्राइक हो गई CBI पर --मतलब आज मानते हैं मोदी सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है -- कांग्रेस ने ये खेल तो खेला है मगर इसका परिणाम उसके लिए ज्यादा परेशान करने वाला होगा --अभी देखते जाइये आगे आगे क्या होता है
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