Saturday 13 October 2018

होटल में फ्री खाना

दो दोस्त रस्ते में चल रहे होते हैं उसमें से एक दोस्त दूसरे दोस्त से बोलता है कि यार मुझे बहुत भूख लगी है चलो ना यार कुछ खाकर आते हैं दोनों की जेब में पैसा तो रहता नहीं है इसलिए वह दोनों आगे निकल जाते हैं और कुछ दूर जाने के बाद उनको एक होटल दिखाई देती है
दोनों दोस्त होटल के अंदर घुस जाते हैं लेकिन दोनों की जेब में पैसा बहुत ही कम होता है पहला दूसरे से बोलता कि तू किला दूसरा पहले से बोलता कि खाना तू खिला इस तरह से काफी टाइम गुजर जाने के बाद एक दोस्त वेटर के पास जाकर बोलता है कि यहां पर थाली का क्या रेट है
होटल का वेटर उस दोस्त से बोलता है कि आप बेफिक्र होकर खाना खाइए यहां पर आपसे खाने का कोई भी पैसा नहीं लिया जाएगा तब उत्सुकता बस हुआ दोस्त उस वेटर से बोलता है कि ऐसा क्यों आप फ्री में खाना क्यों खिला रहे हैं मैं कुछ समझा नहीं

कब वेटर उसको बोलता है कि देखिए सर हमारे यहां पर खाना फ्री में खिलाते हैं क्योंकि यहां पर अगर आप खाना खाते हो तो यहां का जो बिल है वह आप के पोते चुकाएंगे
अब वह दोस्त बड़ा ही खुश होता है उसको बोलता है कि जल्दी से आप दो थाली लगा लो और दूसरे दोस्त के पास जाकर बोलता है कि तू चिंता मत कर आज तेरा भाई तेरे को जमकर खाना खिलाएगा तेरे को जो खाना है चाहिए लस्सी मक्खन जो कुछ खाना है तेरे को खाना है वह खा ले और इस तरह से वह भरपेट खाना खा लेते हो डकार लेते हैं वह काफी समय गुजरने के बाद फिर वह वेटर आता है
और आकर बोलता है यह लीजिए सर आपका साडे ₹7000 का बिल हुआ है तो वह दोस्त उसको बड़े ही अचंभा से देखता है और मन में बहुत दर्द होता है लेकिन हंसते हुए वेटर से बोलता है रे वह भाई साहब क्या बात कर रहे हो आप बिल में नहीं बनूंगा मेरे पोते भरेंगे हा हा हा हा हा

अब वे वेटर हंसते हुए बोलता है जी नहीं सर मैंने आपसे जो खाना खाया उसका पैसा नहीं मांग रहा हूं मैं तो उसका पैसा मांग रहा हूं जो आपके दादा जी ने खाना खाया था हा हा हा हा हा और दोनों दोस्त वहीं पर बेहोश हो जाते हैं
नोट: - फ्री के चक्कर में कभी मत करना क्योंकि फिर आ बैल मुझे मार वाली बात हो जाती है

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