Wednesday 10 October 2018

जो दिल में है वही होठों पर आएगा

एक बार दो दोस्त से उनको अपने किसी अन्य दोस्तों के घर पर मिलने के लिए जाना था तो पहले दोस्त ने कहा कि यार मेरे पास पहनने के लिए अच्छे कपड़े नहीं है तो आप मुझे अपने कपड़े दे दे
तो पहले दोस्त ने अपने दूसरे दोस्त को पहनने के लिए अच्छे कपड़े दे दिए और अन्य दोस्तों के घर मिलने के लिए चल दिए
तीसरे दोस्त के घर गए बेल बजाई दोस्त बाहर आया तो पहले दोस्त ने कहा कि यह जो कपड़े है यह मेरे है और यह तुमसे मिलने के लिए पहन के आया है
तो दूसरा दोस्त बोला कि यार मैंने तेरे कपड़े पहन तो लिए लेकिन अब तू इन कपड़ो का जिक्र किसी के साथ भी मत किया कर तो पहले दोस्त ने बोला कि ठीक है अब मैं कपड़ों के लिए किसी को भी नहीं बोलूंगा
अब वह दोनों दोस्त अगले किसी दोस्त के घर मिलने गए जैसे ही दोस्त बाहर निकला तो पहले दोस्त ने कहा कि उसने जो कपड़े पहने हैं वह मेरे नहीं है और यह बात किसी को मालूम भी नहीं है और मैं ऐसी बातें करूंगा भी नहीं तो फिर दूसरे दोस्त ने कहा कि यार फिर तुमने ऐसी बात कर दी ऐसी बात मत किया करो
तो पहले दोस्त ने बोला ठीक है अब मैं यह बात भी नहीं करूंगा और ऐसा करके अगले दोस्त के घर गए तो जैसे ही दोस्त बाहर निकला पहले दोस्त ने कहा अभी देखो भाई साहब मैं कुछ बोलूंगा नहीं क्योंकि इसमें कपड़े मेरे पहले नहीं इसमें खुद के कपड़े पहने तो दूसरे दोस्त को बहुत शर्मिंदगी हुई और वह उस दोस्त के घर से निकल कर बाहर आ गये
नोट :- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि इंसान चाहे कैसा भी हो उसके मुंह से हमेशा वही लफ्ज़  निकलते हैं जो उसके दिल में होते हैं

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