Wednesday 10 October 2018

अच्छे विचारों से मालिक बन जाते हैं

एक बार एक गांव का आदमी शहर में काम के लिए जाता है और वह किसी कंपनी के अंदर घुसता है कुछ देर बाद उस आदमी को पता चलता है कि इस कंपनी का मालिक वह उसका मित्र है
वह आदमी उस कंपनी के मालिक की ऑफिस के अंदर घुस जाता है और वह मालिक अपने दोस्त को पहचान लेता है वह कुछ देर बातें करते हैं और साथ में चाय पीते हैं
अब गांव वाला आदमी उस कंपनी के मालिक को पूछता है कि है मित्र हम दोनों साथ में बहुत ही कम पगार के अंदर काम करते थे मैं आज वही का वही हूं और तुम इतने बड़े सेठ कैसे बन गए हो मुझे बताओ
तब वह सेट बोलता है कि है मित्र याद करो 4 साल पहले जब हम एक कंपनी में काम करके रात को अपने घर की तरफ लौट रहे थे तब मैंने तुमसे कहा कि अरे यार हमने अपने गोडाउन की लाइट बंद करना भूल गए चलो हम लाइट बंद करके वापस आते हैं
लेकिन मित्र तुमने कहा था कि छोड़ो यार कंपनी किया लाइट जल रही है अपनी जेब से थोड़ी पैसा लग रहा है लेकिन 5 किलोमीटर आगे आने के बाद भी मैं कंपनी के गोडाउन में जाकर लाइट बंद करके आ गया था
मित्र मेरी उस समय की जो सोचती वह एक कंपनी के मालिक जैसी थी मेरी जो विचार थे वह कंपनी के मालिक जैसे थे इसलिए मैं आज एक कंपनी का मालिक हूं और तुम्हारी जो सोच थी वह एक लेबर के जैसी सोच थी इसलिए आज भी तुम लेबर हो

नोट : - इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अपनी सोच और अपने विचार हमेशा पूछे रखो एक ना एक दिन तुम जरूर सफल हो जाओगे

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