Wednesday 31 October 2018

किस्मत ओर काबिलियत

एक हसीन लडकी राजा के दरबार में डांस कर रही थी... ( राजा बहुत बदसुरत था ) लडकी ने राजा से एक सवाल की इजाजत मांगी . राजा ने कहा , " चलो पुछो ." . लडकी ने कहा , "जब हुस्न बंट रहा था तब आप कहां थे..?? . राजा ने गुस्सा नही किया बल्कि मुस्कुराते हुवे कहा ~ जब तुम हुस्न की लाइन् में खडी हुस्न ले रही थी , ~ . ~ तो में किस्मत की लाइन में खडा किस्मत ले रहा था . और आज तुझ जैसीे हुस्न वालीयां मेरी गुलाम की तरह नाच रही है........... . इसलीय शायर खुब कहते है, . " हुस्न ना मांग नसीब मांग ए दोस्त , हुस्न वाले तो अक्सर नसीब वालों के गुलाम हुआ करते है... " जो भाग्य में है , वह भाग कर आएगा, जो नहीं है , वह आकर भी भाग जाएगा....!!!!!." यहाँ सब कुछ बिकता है , दोस्तों रहना जरा संभाल के, बेचने वाले हवा भी बेच देते है, गुब्बारों में डाल के, सच बिकता है , झूट बिकता है, बिकती है हर कहानी, तीनों लोक में फेला है , फिर भी बिकता है बोतल में पानी , कभी फूलों की तरह मत जीना, जिस दिन खिलोगे , टूट कर बिखर्र जाओगे , जीना है तो पत्थर की तरह जियो ; जिस दिन तराशे गए , " भगवान " बन जाओगे...!!! बंद कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर, अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा। आत्महत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर, अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता! गिद्ध भी कहीं चले गए, लगता है उन्होंने देख लिया, कि इंसान हमसे अच्छा नोंचता है! कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर, क्या मस्त तलवे चाटता है इंसान! कोई टोपी, तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है, मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है! जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी, जिसकी खातिर बाप किडनी बेच देता है! ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें, कली, फल, फूल, पेड़, पौधे सब माली बेच देता है! धन से बेशक गरीब रहो, पर दिल से रहना धनवान, अक्सर झोपड़ी पे लिखा होता है: "सुस्वागतम" और महल वाले लिखते हैं: "कुत्तों सॆ सावधान

आज की सरकारें कैसी है एक अच्छा उदाहरण

*एक अँधा....* भीख मांगता हुआ राजा के द्वार पर पंहुचा। *राजा को दया आ गयी,* राजा ने प्रधानमंत्री से कहा,- *"यह भिक्षुक जन्मान्ध नहीं है, यह ठीक हो सकता है, इसे राजवैद्य के पास ले चलो।"* रास्ते में मंत्री कहता है, "महाराज *यह भिक्षुक शरीर से हृष्ट-पुष्ट है,* यदि इसकी रोशनी लौट आयी तो इसे *आपका सारा भ्र्ष्टाचार दिखेगा*, आपकी शानोशौकत और फिजूलखर्ची दिखेगी। *आपके राजमहल की विलासिता और रनिवास का अथाह खर्च दिखेगा,* इसे यह भी दिखेगा कि जनता भूख और प्यास से तड़प रही है, सूखे से अनाज का उत्पादन हुआ ही नहीं, और आपके *सैनिक पहले से चौगुना लगान वसूल रहे हैं।* शाही खर्चे में बढ़ोत्तरी के कारण *राजकोष रिक्त हो रहा है,* जिसकी भरपाई हम सेना में कटौती करके कर रहे हैं, इससे हजारों *सैनिक और कर्मचारी बेरोजगार* हो गए हैं। ठीक होने पर यह *भी औरों की तरह ही रोजगार की मांग करेगा* और आपका ही विरोधी बन जायेगा। मेरी मानिये तो..... *_यह आपसे मात्र दो वक्त का भोजन ही तो मांगता है,_* इसे आप राजमहल में बैठाकर *मुफ्त में सुबह-शाम भोजन कराइये,* और दिन भर इसे *घूमने के लिए छोड़ दीजिये।* यह _पूरे राज्य में आपका गुणगान करता फिरेगा,_ कि..... *राजा बहुत न्यायी हैं, बहुत ही दयावान और परोपकारी हैं।* इस तरह *मुफ्त में खिलाने से आपका संकट कम होगा* और.... आप लंबे समय तक शासन कर सकेंगे।" *राजा को यह बात समझ में आ गयी,* वह वापस अंधे के पास गया और दोनों उसे उठाकर राजमहल ले आये। अब *अँधा राजा का पूरे राज्य में गुणगान करता फिरता है,* उसे यह नहीं पता कि राजा ने उसके साथ धूर्तता की है, *छल किया है,* _वह ठीक होकर स्वयं कमा कर अपनी आँखों से संसार का आनंद ले सकता था।_ *यही हाल सरकारें करती हैं, हमे मुफ्त का लालच देती हैं,* किंतु..... _आँखों की रोशनी (अच्छी शिक्षा व रोजगार) नहीं देतीं,_ जिससे कि हम उनका भ्रष्टाचार देख पाएं, उनकी फिजूलखर्जी और गुंडागर्दी देख पाएं, उनका *शोषण और अन्याय देख पाएं।* और हम *अंधे की तरह उनका गुणगान करते हैं, कि राजा मुफ्त में सबको सामान देते हैं।* हम यह नहीं सोचते कि यदि हमें *अच्छी शिक्षा और रोजगार सरकारें दें* तो..... हमें उनकी खैरात की जरूरत न होगी, हम स्वतः ही सब खरीद सकते हैं। पर...... हम *सभी अंधे जो ठहरे,* केवल मुफ्त की चीजें ही हमे दिखती हैं

मुस्कुराहट का महत्व

*मुस्कुराहट का महत्व* _अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी। _अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा। _अगर आप एक ग्रहणी है तो मुस्कुराते हुए घर का हर काम किजिये फिर देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा। _अगर आप घर के मुखिया है तो मुस्कुराते हुए शाम को घर में घुसेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जायेगा। _अगर आप एक बिजनेसमैन हैं और आप खुश होकर कंपनी में घुसते हैं तो देखिये सारे कर्मचारियों के मन का प्रेशर कम हो जायेगा और माहौल खुशनुमा हो जायेगा। _अगर आप दुकानदार हैं और मुस्कुराकर अपने ग्राहक का सम्मान करेंगे तो ग्राहक खुश होकर आपकी दुकान से ही सामान लेगा। _कभी सड़क पर चलते हुए अनजान आदमी को देखकर मुस्कुराएं, देखिये उसके चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी। *मुस्कुराइए* क्यूंकि मुस्कराहट के पैसे नहीं लगते ये तो ख़ुशी और संपन्नता की पहचान है। *मुस्कुराइए* क्यूंकि आपकी मुस्कराहट कई चेहरों पर मुस्कान लाएगी। *मुस्कुराइए* क्यूंकि ये जीवन आपको दोबारा नहीं मिलेगा। *मुस्कुराइए* क्योंकि क्रोध में दिया गया आशीर्वाद भी बुरा लगता है और मुस्कुराकर कहे गए बुरे शब्द भी अच्छे लगते हैं। *मुस्कुराइए* क्योंकि दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है। *मुस्कुराइए* क्योंकि आपकी हँसी किसी की ख़ुशी का कारण बन सकती है। *मुस्कुराइए* क्योंकि परिवार में रिश्ते तभी तक कायम रह पाते हैं जब तक हम एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते रहते है और सबसे बड़ी बात *मुस्कुराइए* क्योंकि यह मनुष्य होने की पहचान है। एक पशु कभी भी मुस्कुरा नही सकता। इसलिए स्वयं भी मुस्कुराए और औराें के चहरे पर भी मुस्कुराहट लाएं. *यही जीवन है।* *आनंद ही जीवन है।।*

कोंग्रेस ओर बी. जे. पी. की लिस्ट जारी

कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी हेमाराम चौधरी अमीन खान मैवाराम जैन हरीश चौधरी के नाम हुए फाइनल। पचपदरा चौहटन सिवाना में असमंजस बरकरार फतेहपुर - हाकम अली नवलगढ़ - राजकुमार शर्मा झुंझुनू - विजेंद्र ओला सूरजगढ़ - श्रवण कुमार राजगढ़ - कृष्णा पूनिया नोखा - रामेश्वर डूडी श्रीडूंगरगढ़ - मंगला राम गोदारा बाड़मेर मेवाराम जैन शिव - अमीन खान गुढामलानी - हेमा राम बायतू - हरीश चौधरी कोटा उत्तर - शांति धारीवाल हनुमानगढ़ - विनोद कुमार बागीदौरा - महेन्द्रजीत सिंह अंता - प्रमाद जैन बड़ी सादड़ी - प्रकाश चंद्र चौधरी सरदारशहर भंवर लाल सुजानगढ़ - भंवरलाल तारानगर - चन्द्रशेखर बैद करणपुर - गुरमीत सिंह मेडता - लक्ष्मण राम जहाजपुर - धीरज गुर्जर मांडलगढ - विवेक धाकड डीग कुम्हेर - विश्वेन्द्र सिंह पुष्कर - नसीम अख्तर कांमा - जाहिदा खान सरदारपुरा - अशोक गहलोत अलवर - टीकाराम जूली बानसूर शकुन्तला रावत श्रीमाधेपुर - दीपेन्द्रसिंह शेखावत हवामहल - ब्रजकिशोर शर्मा जमवारामगढ - शंकरलाल कोटा दक्षिण - पंकज मेहता सागौद - भरतसिंह हिन्डौली - अशोक चांदना चित्तौडगढ़ - सुरेन्द्रसिंह निम्बाहेडा - उदयलाल आंजणा बाडी - गिर्राजसिंह राजाखेडा - प्रद्युम्न सिंह पोकरण - सालेह मुहम्मद खेतडी - जितेन्द्र सिंह डेगाना - रिछपाल सिंह जायल - मंजूदेवी खींवसर - दुर्गसिंह मकराना - जाकिर हुसैन नागौर - हरेंद्र मिर्धा नावा - महेन्द्रसिंह चौधरी जैतारण - गोपाल सिंह सुमेरपुर - बीना काक दातांरामगढ - नारायण सिंह धोद - परसराम मोरदिया खंडेला - महादेव खण्डेला लक्ष्मणगढ - गोविंद सिंह डोटासरा सीकर - राजेन्द्र पारिक सिरोही - संयम लोढ़ा निवाई - प्रशांत झाडोल - हीरालाल करौली - दर्शन सिंह कोलायत - भंवर सिंह कोटपुतली - राजेंद्र सिंह नसीराबाद - रामनारायण सपोटरा - रमेश टोडाभीम - घनश्याम वैर - भजनलाल सांचौर - सुखराम विश्नोई भीनमाल - डॉ समरजीत सिंह राजस्‍थान विधानसभा चुनाव: BJP की पहली सूची में वसुंधरा राजे सहित 95नाम पर प्रदेश नेतृत्त्व ने लगाई मोहर जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 95प्रत्याशियों की सूची में राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम भी शामिल है। यह जानकारी पार्टी सूत्रों ने दी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक वसुंधरा राजे जलरा पाटन सीट से चुनाव लड़ेंगी। वहीं जयपुर के पूर्व राजघराने की दीया कुमारी को सवाई माधोपुर से मैदान में उतारा जायेगा गुलाबचंद कटारिया नंदलाल मीणा भी मैदान में जयपुर शहर में सांगानेर सीट को छोड़ कर सभी सीटों पर मौजूदा विधायकों को फिर मौका मिला है, सुमेरपुर पाली से नया चेहरा घनश्यामजी बावजी को मिलना तय है विधानसभा के लोगों की पहली पसंद पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति का विचारणीय हो गया है बावजी को टिकिट मिलने से पाली सिरोही और जालोर की सीटों पर भारी प्रभाव पड़ रहा है राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विधायक पद के लिए 95 नामों की पहली सूची पर मंथन लगभग सभी पर लगी मोहर पैनल राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजा गया है 1. झालरापाटन - वसुंधरा राजे 2. सूरतगढ़ से राजेन्द्र भादू 3.पीलीबंगा (अनुसुचित जाति) से द्रोपदी मेघवाल 4.नौहर से अभिषेक मटोरिया 5.भादरा से संदीप बेनीवाल 6. खजूवाला (अनुसुचित जाति) से डॉ. विश्वनाथ मेघवाल 7. बीकानेर ईस्ट से सिद्धिकुमारी 8. चूरू से राजेन्द्र राठौड़ 9. रतनगढ़ से राजकुमार रीनवा 10. सुजानगढ (अनुसुचित जाति) से खेमाराम मेघवाल 11. पिलानी (अनुसुचित जाति) से सुन्दर लाल 12. लक्ष्मणगढ़ से सुभाष मेहरिया 13. विराटनगर से फूलचंद भिंडा 14. शाहपुरा से राव राजेन्द्र सिंह 15 चौमू से रामलाल शर्मा 16. दूदू (अनुसुचित जाति) प्रेमचंद बैरवा 17. झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शोखावत 18. जमवारामगढ़ से जगदीश मीणा 19. हवामहल से सुरेन्द्र पारिक 20. विद्याधर नगर से नरपत सिंह राजवी 21. सिविल लाइंस से अरूण चतुर्वेदी 22. किशनपोल से मोहनलाल गुप्ता 23. आदर्शनगर से अशोक परनामी 24. मालवीयनगर से कालीकरण सर्राफ 25. बगरू (अनुसुचित जाति) से कैलाश वर्मा 26. बस्सी (अनुसूचित जन जाति) से कन्हैया लाल मीना 27. चाकसू (अनुसुचित जाति) से लक्ष्मीनारायण बैरवा 28. किशनगढ़ बास से रामहेत यादव 29. बहरोड से डॉ. जसवंत 30. बनसूर से रोहताश शर्मा 31. थानागाजी से नेमसिंह भदाना 32. अलवर शहर से बनवारी लाल सिंघल 33. राजगढ़-लक्ष्मणगढ (अनुसुचित जन जाति) से सुनीता मीना 34. कठूमर (अनुसुचित जाति) से मंगलाराम कोली 35.नगर से अनीता गुर्जर 36. भरतपुर से विजय बंसल 37. नदबई से कृष्णेन्द्र कौर 38. बसेड़ी(अनुसुचित जाति) रानी कोली 39. बारी से जसवंत गुर्जर 40. राजाखेड़ा से विवेक बोहरा 41. महुवा से ओमप्रकाश हुदला 42. दौसा से शंकर शर्मा 43.सवाईमाधोपुर से दीया कुमारी 44.निवाई (अनुसुचित जाति) से हीरालाल रैगर 44. किशनगढ से भागीरथ चौधरी 45. पुष्कर से सुरेश रावत 46 ब्यावर से शंकरसिंह रावत 47. केकड़ी से शत्रुघ्न गौतम 48. डीडवाना से यूनुस खान 49. मेड़ता (अनुसुचित जाति) से बजरंग बावरी 50. नागौर से हबीबूर्र रहमान 51. डेगाना से अजय सिंह 52.पाली से ज्ञान प्रकाश पारिक 53.मारवाड जंक्शन से केसाराम चौधरी 54 बाली से पुष्पेन्द्र सिंह 55.सुमेरपुर से घनश्यामजी बावजी 55. फलौदी से पब्बाराम विश्नोई 56.लोहावत से गजेन्द्र सिंह 57.शेरगढ़ से बाबूसिंह राठौड़ 58. लूणी से जोगाराम पटेल 59. बिलाडा (अनुसुचित जाति) से अर्जुन लाल गर्ग 60. जैसलमेर से छोटू सिंह भाटी 61. पोखरण से शैतान सिंह 62 बायूत से कैलाश चौधरी 63. पचपदरा से अमराराम 64.आहोर से शंकरसिंह राजपुरोहित 65.भीनमाल से पूराराम चौधरी 66.पिंडवाडा (अनुसुचित जन जाति)से समाराम 67.रेवदर (अनुसुचित जाति) से जगसीराम कोल 68. गोगुंदा (एसटी)- प्रताप गमेती 69. झाडोल (एसटी)- बाबू लाल खराडी 68.खेरवाड़ा (एसटी)- नाना लाल अहेरी 69. उदयपुर ग्रामीण- फूलसिंह मीणा 70. उदयपुर शहर - गुलाब चन्द कटारिया 71. मावली- डाली चंद डांगी 72. सलूम्बर (एसटी)- अमरती लाल मीणा 73. डुंगरपुर (एसटी)- देवेन्द्र कटारा 74. सागवाडा (एसटी)- अनिता कटारा 75.चौरासी (एसटी)- सुशील कटारा 76. गाटोल - नवनीत निनामा 77. गराही (एसटी)- जीतमल खाट 78. बागीडोरा- खेमराज गरासिया 79. बेगौन- सुरेश धाकड़ 80. चित्तौडगढ़- चन्द्रभान सिंह 81. नीम्बाहेड़ा- श्रीचंद कृपलानी 82. बड़ी साढ़डी- गौतम दग 83. प्रतापगढ़ (एसटी)- नंद लाल मीणा 84. भीम - हरिसिंह रावत 85. कुंभलगढ़ - सुरेन्द्र सिंह राठौड़ 86. राजसमंद- किरण महेश्वरी 87. आसींद- रामलाल गुर्जर 88. मांडल- कालू लाल गुर्जर 89. बंूदी- अशोक डोगरा 90. पीपलोद- विद्या शंकर नंदवाला 91. सांगोद- हीरालाल नागर 92. कोटा (उत्तर) -प्रहलाद गुंजल 93. रामगंज मण्डी- चन्द्रकांत मेघवाल 94. अंता- प्रभुलाल सैनी 95.करणपुर से सुरेन्द्र टीटी

Tuesday 30 October 2018

क्या है स्टैच्यू_ऑफ_यूनिटी

#स्टैच्यू_ऑफ_यूनिटी #लौह_पुरुष #सरदार_वल्लभ_भाई_पटेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की महत्वकांक्षी परियोजना स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा अब पूरी तरह बन कर तैयार है. 31 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन करने वाले है. आइए जानते है इस प्रतिमा से जुड़ी कुछ खास बातें ★ गुजरात सरकार द्वारा 7 अक्टूबर 2010 को इस परियोजना की घोषणा की गयी थी. ★ गुजरात के मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इस विशालकाय मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास किया. ★ यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है. ★ प्रतिमा का निर्माण इस्पात के फ्रेम, प्रबलित सीमेण्ट कंक्रीट और काँसे की पर्त चढ़ाकर किया गया है. ★ टर्नर कन्स्ट्रक्शन, जो बुर्ज ख़लीफ़ा के सलाहकार थे, उन्हीं के सहयोगी संगठन - माइकल ग्रेव्स एण्ड एसोशिएट्स एवं मीनहार्ड ग्रुप दोनों मिलकर पूरी परियोजना की निगरानी की है. ★ पूरी परियोजना में प्रतिमा और अन्य भवन, जिनमें स्मारक, आगन्तुक केन्द्र, बाग, होटल, सभागार, मनोरंजन-उद्यान तथा शोध संस्थान आदि सभी शामिल हैं. ★ यह विश्व का सबसे ऊंचा स्मारक होगा. ★ देश के लौह पुरुष सरदार पटेल की इस प्रतिमा को बनाने के लिए पूरे देश से लोहा एकत्र किया गया है जिसमें किसानों द्वारा पुराने उपकरण जैसे फावड़ा, कुदाल, हल वगैरह इकट्ठा किया गया है. ★ 2990 करोड़ की लागत से इसे तैयार किया गया है. ★ इस प्रतिमा से देश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे सरकारी राजस्व में वृध्दि होगी. नरेंद्र मोदी जी के बारे में एक बात मशहूर है, की मोदी जी जिस परियोजना का शिलान्यास करते है, उसका उद्घाटन भी वही करते है, एक बार और ये बात सच साबित होने जा रही है...

31 अक्टूबर सरदार पटेल का जन्मदिन

31 अक्तूबर/जन्म-दिवस लौहपुरुष सरदार पटेल 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों ने भारत को स्वाधीन तो कर दिया; पर जाते हुए वे गृहयुद्ध एवं अव्यवस्था के बीज भी बो गये। उन्होंने भारत के 600 से भी अधिक रजवाड़ों को भारत में मिलने या न मिलने की स्वतन्त्रता दे दी। अधिकांश रजवाड़े तो भारत में स्वेच्छा से मिल गये; पर कुछ आँख दिखाने लगे। ऐसे में जिसने इनका दिमाग सीधाकर उन्हें भारत में मिलाया, उन्हें हम लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से जानते हैं। वल्लभभाई का जन्म 31 अक्तूबर, 1875 को हुआ था। इनके पिता श्री झबेरभाई पटेल ग्राम करमसद (गुजरात) के निवासी थे। उन्होंने भी 1857 में रानी झाँसी के पक्ष में युद्ध किया था। इनकी माता लाड़ोबाई थीं। बचपन से ही ये बहुत साहसी एवं जिद्दी थे। एक बार विद्यालय से आते समय ये पीछे छूट गये। कुछ साथियों ने जाकर देखा, तो ये धरती में गड़े एक नुकीले पत्थर को उखाड़ रहे थे। पूछने पर बोले - इसने मुझे चोट पहुँचायी है, अब मैं इसे उखाड़कर ही मानूँगा। और वे काम पूरा कर ही घर आये। एक बार उनकी बगल में फोड़ा निकल आया। उन दिनों गाँवों में इसके लिए लोहे की सलाख को लालकर उससे फोड़े को दाग दिया जाता था। नाई ने सलाख को भट्ठी में रखकर गरम तो कर लिया; पर वल्लभभाई जैसे छोटे बालक को दागने की उसकी हिम्मत नहीं पड़ी। इस पर वल्लभभाई ने सलाख अपने हाथ में लेकर उसे फोड़े में घुसेड़ दिया। खून और मवाद देखकर पास बैठे लोग चीख पड़े; पर वल्लभभाई ने मुँह से उफ तक नहीं निकाली। साधारण परिवार होने के कारण वल्लभभाई की शिक्षा निजी प्रयास से कष्टों के बीच पूरी हुई। अपने जिले में वकालत के दौरान अपनी बुद्धिमत्ता, प्रत्युत्पन्नमति तथा परिश्रम के कारण वे बहुत प्रसिद्ध हो गये। इससे उन्हें धन भी प्रचुर मात्रा में प्राप्त हुआ। इससे पहले उनके बड़े भाई विट्ठलभाई ने और फिर वल्लभभाई ने इंग्लैण्ड जाकर बैरिस्टर की परीक्षा उत्तीर्ण की। 1926 में वल्लभभाई की भेंट गांधी जी से हुई और फिर वे भी स्वाधीनता आन्दोलन में कूद पड़े। उन्होंने बैरिस्टर वाली अंग्रेजी वेशभूषा त्याग दी और स्वदेशी रंग में रंग गये। बारडोली के किसान आन्दोलन का सफल नेतृत्व करने के कारण गांधी जी ने इन्हें ‘सरदार’ कहा। फिर तो यह उपाधि उनके साथ ही जुड़ गयी। सरदार पटेल स्पष्ट एवं निर्भीक वक्ता थे। यदि वे कभी गांधी जी से असहमत होते, तो उसे भी साफ कह देते थे। वे कई बार जेल गये। 1942 के ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ में उन्हें तीन वर्ष की सजा हुई। स्वतन्त्रता के बाद उन्हें उपप्रधानमन्त्री तथा गृहमन्त्री बनाया गया। उन्होंने केन्द्रीय सरकारी पदों पर अभारतीयों की नियुक्ति रोक दी। रेडियो तथा सूचना विभाग का उन्होंने कायाकल्प कर डाला। गृहमन्त्री होने के नाते रजवाड़ों के भारत में विलय का विषय उनके पास था। सभी रियासतें स्वेच्छा से भारत में विलीन हो गयीं; पर जम्मू-कश्मीर, जूनागढ़ तथा हैदराबाद ने टेढ़ा रुख दिखाया। सरदार की प्रेरणा से जूनागढ़ में जन विद्रोह हुआ और वह भारत में मिल गयी। हैदराबाद पर पुलिस कार्यवाही कर उसे भारत में मिला लिया गया। जम्मू कश्मीर का मामला प्रधानमन्त्री नेहरु जी ने अपने हाथ में रखा। इसी से उसका पूर्ण विलय नहीं हो पाया और वह आज भी सिरदर्द बनी है। 15 दिसम्बर, 1950 को भारत के इस महान सपूत का देहान्त हो गया।

सुप्रीम कोर्ट पर बयान अनिल विज का

अयोध्या मामले पर हरियाणा के मंत्री का तंज: ‘सुप्रीम कोर्ट महान है’* अयोध्या मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक टलने के बाद हरियाणा के मंत्री और बीजेपी नेता अनिल विज ने सुप्रीम कोर्ट पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि न्यायालय मुंबई आतंकी हमले के दोषी याकूब मेमन की फांसी को टालने के अनुरोध पर देर रात भी सुनवाई कर सकता है। विज ने ट्वीट कर इस वाक्य को दो बार लिखा, 'सुप्रीम कोट महान है।' उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट महान है। चाहे तो 29 जुलाई 2014 को 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेनन की फांसी की सजा टालने के लिए कोर्ट का दरवाजा रात को खोल दे और चाहे तो राम मंदिर जिसके लिए करोड़ों भारतवासी टकटकी लगाए इंतजार कर रहे हों, उसको तारीख दे दे-सुप्रीम कोर्ट महान है। अंबाला में मीडिया से बात करते हुए भी विज ने इसी प्रकार की टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'यह याकूब मेमन मामले की सुनवाई के लिए मध्य रात्रि तक जागा रह सकता है तथा यह राम जन्मभूमि मालिकाना हक मामले की सुनवाई को तीन माह के लिए टाल सकता है, जबकि करोड़ों लोग इसकी प्रतीक्षा कर रहे पसंद करने के लिए इस मैसेज को reply करें और टाइप करे

मालेगांव बम ब्लास्ट ओर अपराधी

मालेगांव ब्लास्ट केस: सातों आरोपियों पर षड्यंत्र और हत्या के आरोप तय 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में सातों आरोपियों के खिलाफ मंगलवार को आरोप तय कर लिए गए। मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा और अन्य पांच लोगों के खिलाफ आतंकी षड्यंत्र, हत्या और इससे संबंधित अपराधों जैसे आरोप तय किए। हालांकि, सभी आरोपियों ने खुद को बेगुनाह बताया है। कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा के अलावा इसमें मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं। इन सभी पर यूएपीए की धारा 18 (आतंकी हमले को अंजाम देना) और 16 (आतंकी हमले की साजिश करना) के अलावा विस्फोटक कानून की धारा 3, 4, 5 और 6 के तहत आरोप तय हुए हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख 2 नवंबर को दी है। अभी 22 अक्टूबर को ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई रोजाना करने के निर्देश दिए हैं। साध्वी प्रज्ञा ने आरोप तय होने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि 'एनआईए ने पहले मुझे क्लीन चिट दे दी थी। ये कांग्रेस की साजिश थी। लेकिन मुझे विश्वास है कि मैं निर्दोष साबित होऊंगी क्योंकि सच्चाई की जीत होती है। गौरतलब है कि 2008 में मालेगांव बम विस्फोट में 6 लोगों की मौत और 101 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में कर्नल पुरोहित को मुख्य आरोपी बनाया गया था। 9 सितंबर, 2008 को हुए मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में 9 साल तक जेल में बंद रहे कर्नल पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। पसंद करने के लिए इस मैसेज को reply करें और टाइप करे 👍 जय श्री राम

भाजपा और राम मंदिर

#भाजपा यदि मंदिर बनाने के लिए सचमुच ही इच्छुक है तो आज का दिन उसे खुशी से #नाचने का दिन है। क्योंकी #सुप्रीम कोर्ट ने उसे अपने एजेंडा पुरा करने का भरपूर समय दे दिया है। यदि भाजपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निगाह रखेगी तो उसे #निराशा के अलावा कुछ हासिल नही होगा। ॰.. ऐसे में भाजपा के पास एक ही #मार्ग बचा है कि वह मंदिर निर्माण के लिए सदन के आगामी सत्र में एक #विधेयक रखे। अगर भाजपा ऐसा करती है, तो उसे इससे काफी फायदा होगा। दरअसल, अगर सरकार #सदन में मंदिर के लिए #विधेयक रखती है, तो #हिंदू धर्म को मानने वालों में यह संदेश जाएगा कि सरकार #मंदिर निर्माण चाहती है, वहीं इस समय विपक्ष जिस तरह से मंदिर की राजनीति कर रहा है, उसे भी अपना मत स्पष्ट करना होगा। ॰ ...अगर #खनग्रेस #विधेयक का विरोध करती है, तो सरकार को कांग्रेस को इस मसले पर #घेरने का मौका मिल जाएगा और अगर कांग्रेस अपने #हिंदुत्व के नए एजेंडे के तहत #वि​धेयक का समर्थन करती है, तो उसकी #महागठबंधन की #कोशिशों को झटका लगेगा और हो सकता है कि #गठबंधन बिखर भी जाए। अगर ऐसा हुआ, तब भी #बीजेपी को इसका फायदा मिलेगा और वह आगामी चुनावों में फिर से #सत्ता में आ सकती है। ०अगर #खनग्रेस विधेयक का समर्थन करती है तो #राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा और #बहुसंख्यक वोट bjp को मिल जाएगा। ॰...कुल मिलाकर कहा जाए, तो राम #जन्मभूमि पर सुनवाई #टलना एक तरह से बीजेपी के लिए जीत की #संजीवनी साबित हो सकती है। अगर बीजेपी इस मौके का सही फायदा उठा लेती है, तो अगले #लोकसभा चुनाव में उसकी जीत #सुनिश्चित हो सकती है। इसलिए मेरे हिसाब से आज #भाजपा के लिए मायूस होने का नही -- खुशी से नाचने का दिन है। ०शर्त है कि bjp विधेयक संसद के #शीत सत्र में लेकर आये

30 अक्टूबर 1990 का दर्द

30 अक्टूबर 1990 || कारसेवकों के बलिदान के 28 वर्ष || आज ही के दिन अयोध्या में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने निहत्थे कारसेवकों पर गोलिया चलवाई थी जिसमे अनेक कारसेवक शहीद हो गए थे. आइये अब आप सब को बताते है की उस दिन अयोध्या में हुआ क्या था ??? ३० अक्टूबर १९९० को विश्व हिन्दू परिषद् ने गुम्बद नुमा ईमारत को हटाने के लिए कारसेवा की शुरुआत की. आल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ,कांग्रेस पार्टी,मार्क्सवादी पार्टी और कुछ छद्म धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के द्वारा इस कारसेवा को समूचे विश्व में मस्जिद के लिए खतरा बताया गया. जबकि ये सर्वविदित है की अयोध्या "राम लला" की जन्मस्थली है और उस जन्मस्थली को तोड़कर वह एक अवैध मस्जिद नुमा ईमारत का निर्माण किया गया था. परन्तु मुस्लिम वोटो के लालच में तत्कालीन प्रधानमंत्री "विपी सिंह" और उस समय के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री "मुल्ला-यम सिंह" मस्जिद बचाने की दौड़ में शामिल हो गए. लगभग ४० हजार CRPF के जवान और २ लाख ६५ हजार सुरक्षा बलों के भारी भरकम सुरक्षा के बावजूद लगभग १ लाख कारसेवक सुबह के ७ बजे अयोध्या पहुँच गए. कारसेवकों ने सरयू नदी के पुल पर चलना शुरू किया और तभी पुलिस वालो ने उन पर लाठी चार्ज शुरू कर दिया. बावजूद इसके कारसेवक तनिक भी ना डरे और नहीं भागे. दिन के लगभग ११ बजे तक अयोध्या जैसे छोटे से शहर में कारसेवको की संख्या ३ लाख को पार कर गयी. पुलिस के जवानों ने कारसेवको पर हमला करने के बजाय उनका सम्मान शुरु कर दिया. लेकिन पुलिस महानिदेशक नेे ऊपर के आदेश पर पुलिस के जवानों को कारसेवको पर हमला करने के लिए उकसाया और पुलिस ने कारसेवको के ऊपर अश्रु गैस के गोलों से हमला करना शुरू किया. और तभी पुलिस महानिदेशक ने खुद निहत्थे साधुओं पर लाठी चार्ज शुरू कर दिया . ये देख कर कारसेवक भड़क गए और वे सारे बैरिकेडिंग को तोड़कर जन्मस्थान तक पहुंच गए और तभी पुलिस ने बिना किसी सुचना के उन पर गोली चलानी शुरू कर दिया. बावजूद इसके कारसेवक अपने लक्ष्य तक पहुँच चुके थे. और तब पुलिस ने उन पर सीधे गोलिया बरसानी सुरु कर दी. इस गोलीबारी में कम से कम १०० कारसेवक शहीद हो गए और कई लापता हो गए. बाद में कई कारसेवकों की लाशे सरयू नदी में तैरती मिली. उनकी लाशों को बालू के बोरो से बांध दिया गया था ताकि वो तैर कर ऊपर ना आ सके.यजा तक की औरतो और साधुओं तक को नहीं छोड़ा गया. मुलायम सिंह यादव ने एक ऐसा घृणित कार्य किया जो उसे बाबर,औरंगजेब और गजनवी के समक्ष ला कर खड़ा कर दे. हर हिन्दू अपनी अंतिम साँस तक मुल्ला-यम जैसे गद्दार को कभी नहीं माफ़ करेगा जिसने मुस्लिम वोटो के लिए अपने धर्म से गद्दारी की और निहत्थे कारसेवकों की हत्या की ..!! !! उन शहीद कारसेवको को शत-शत नमन !! !! राम लला हम आएंगे मंदिर वही बनायेंगे !! !!जय श्री राम!!

नेशनल हेराल्ड की कहानी

*एक मजेदार कहानी* नेहरू जी ने *"नेशनल हेराल्ड"* नामक अखबार 1930 में शुरू किया। सन् 2000 में यह अखबार *घाटे* में चला गया और इस पर *90 करोड़ का कर्जा* हो गया । *नेशनल हेराल्ड* के तत्कालीन डायरेक्टर्स सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और मोतीलाल वोरा ने इस अखबार को *यंग इंडिया लिमिटेड* नामक कंपनी को बेचने का निर्णय लिया। अब मज़े की बात सुनिये, *यंग इंडिया* के डायरेक्टर्स थे, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, ऑस्कर फर्नांडीज़ और मोतीलाल वोरा। डील यह थी कि *यंग इंडिया, नेशनल हेराल्ड* के 90 करोड़ के कर्ज़ को चुकाएगी और बदले में *5000 करोड़ रुपए* की अचल संपत्ति यंग इंडिया को मिलेगी। इस डील को फाइनल करने के लिए *मोती लाल वोरा ने "तत्काल" मोतीलाल वोरा* से बात की, क्योंकि वह अकेले *दोनों* ही कंपनियों के डायरेक्टर्स थे। अब यहाँ एक और *नया मोड़* आता है। 90 करोड़ का कर्ज़ चुकाने के लिए *यंग इंडिया* ने *कांग्रेस पार्टी* से 90 करोड़ का लोन माँगा। इसके लिये *कांग्रेस पार्टी* ने एक *"मीटिंग"* बुलाई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी के महासचिव शामिल हुए। और *यह वरिष्ठ लोग कौन थे.......?* *सोनिया, राहुल, ऑस्कर और मोतीलाल वोरा... ठीक ?* *"कांग्रेस पार्टी"* ने लोन देना *"स्वीकार"* कर लिया और इसको कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने पास भी कर दिया और *यंग इंडिया* के डायरेक्टर *मोतीलाल वोरा* ने ले लिया और आगे *नेशनल हेराल्ड* के डायरेक्टर *मोतीलाल वोरा* को दे दिया। अभी कुछ और मज़ा बाकी था। अब "कांग्रेस पार्टी" ने एक मीटिंग *और* बुलाई जिसमें सोनिया, राहुल, ऑस्कर और वोरा साहब सम्मलित हुए। उन्होंने *मिलकर* यह तय किया कि *नेशनल हेराल्ड* ने आज़ादी की लड़ाई में बहुत *सेवा* की है इसलिए उसके ऊपर *90 करोड़ के कर्ज़ को माफ़ कर दिया जाए* और इस तरह 90 करोड़ का *"छोटा सा कर्ज"* माफ़ कर दिया गया। और इस तरह से *यंग इंडिया*, जिसमें 36 प्रतिशत शेयर, सोनिया और राहुल के हैं और शेष शेयर ऑस्कर फर्नांडीज और वोरा साहब के हैं, को, 5000 करोड़ की संपत्ति प्राप्त हो गई जिसमें, एक 11 मंज़िल बिल्डिंग है जो *बहादुर शाह जफ़र मार्ग दिल्ली* में है और उस बिल्डिंग के कई हिस्सों को अब पासपोर्ट ऑफिस सहित कई ऑफिसेस को किराये पर दे दिया गया है। *बुजुर्ग सांसद सोनिया जी एक विशाल सरकारी आवास पर रहतीं है और उनका अविवाहित संसद पुत्र उनके साथ नही बल्कि एक और बड़े सरकारी आवास में रहता है। उनकी पुत्री व दामाद जो किसी भी सरकारी पद पर नही है भी सरकारी आवास पर पूरी सुरक्षा के साथ रहतें हैं। इनके पास लम्बी ,महंगी गाड़ियां हैं और अरबो की संपत्ति है।* *फिर भी बुढ़ी विधवा जो छोटे से घर मे रहती है और ऑटोरिक्शा में चलती है के सभी बच्चे छोटे मोटे काम व नोकरियों में हैं का एक बच्चा चाय बेचते-बेचते प्रधानमंत्री बन गया *"चोर"* है।

एक अपील : जरूर पढ़ें

मित्रो, *भिखारी को (खाना+पानी) तो देंगे पर एक भी रुपया भीख नही देंगे।* दादर स्टेशन पर एक अनोखा आंदोलन देखा गया है "किसी भी प्रकार के भिखारी को भीख न दे" और मुझे ये आंदोलन सही लगता है, हम शपथ ले कि आज से भीख मांगते हुए किसी भी प्रकार के(स्त्री/पुरुष/बुजुर्ग/अपंग/बच्चे) भिखारी को (खाना+पानी) तो देंगे पर एक भी रुपया भीख नही देंगे। इससे होगा ये की "अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय/ राज्यकीय स्तर पर भिखारियों" की टोली चलाने वाले गुटों की आर्थिक रूप से कमर टूट जाएगी एवं छोटे बच्चों के अपहरण जैसी वारदाते अपने आप बंद हो जाएंगी। गुनाहगारों की दुनिया से इस तरह के दलों का अंत हो सकेगा। ये सोच है अगर आप भी सहमत है तो इस अभियान से जुड़े।

अच्छी जिंदगी कैसे जिये

जो चाहा कभी पाया नहीं, जो पाया कभी सोचा नहीं, जो सोचा कभी मिला नहीं, जो मिला रास आया नहीं, जो खोया वो याद आता है, पर जो पाया संभाला जाता नहीं , क्यों अजीब सी पहेली है ज़िन्दगी, जिसको कोई सुलझा पाता नहीं... जीवन में कभी समझौता करना पड़े तो कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि, झुकता वही है जिसमें जान होती है, अकड़ तो मुरदे की पहचान होती है। ज़िन्दगी जीने के दो तरीके होते है! पहला: जो पसंद है उसे हासिल करना सीख लो.! दूसरा: जो हासिल है उसे पसंद करना सीख लो.! जिंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता.! जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है; कभी हंसती है तो कभी रुलाती है; पर जो हर हाल में खुश रहते हैं; जिंदगी उनके आगे सर झुकाती है। चेहरे की हंसी से हर गम चुराओ; बहुत कुछ बोलो पर कुछ ना छुपाओ; खुद ना रूठो कभी पर सबको मनाओ; राज़ है ये जिंदगी का बस जीते चले जाओ। "गुजरी हुई जिंदगी कभी याद न कर, तकदीर मे जो लिखा है उसकी फर्याद न कर... जो होगा वो होकर रहेगा, तु कल की फिकर मे अपनी आज की हसी बर्बाद न कर... हंस मरते हुये भी गाता है और मोर नाचते हुये भी रोता है.... ये जिंदगी का फंडा है बॉस दुखो वाली रात निंद नही आती और खुशी वाली रात कौन सोता है... ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता; जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता; हार को लक्ष्य से दूर ही रखना; क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता। जिंदगी में दो चीज़ें हमेशा टूटने के लिए ही होती हैं : "सांस और साथ" सांस टूटने से तो इंसान 1 ही बार मरता है; पर किसी का साथ टूटने से इंसान पल-पल मरता है। जीवन का सबसे बड़ा अपराध - किसी की आँख में आंसू आपकी वजह से होना। और जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि - किसी की आँख में आंसू आपके लिए होना। जिंदगी जीना आसान नहीं होता; बिना संघर्ष कोई महान नहीं होता; जब तक न पड़े हथोड़े की चोट; पत्थर भी भगवान नहीं होता। जरुरत के मुताबिक जिंदगी जिओ ख्वाहिशों के मुताबिक नहीं।, क्योंकि जरुरत तो फकीरों की भी पूरी हो जाती है; और ख्वाहिशें बादशाहों की भी अधूरी रह जाती है। मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता; जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है। दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी है। जैसे: दरिया खुद अपना पानी नहीं पीता। पेड़ - खुद अपना फल नहीं खाते। सूरज - अपने लिए हररात नहीं देता। फूल - अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते। मालूम है क्यों? क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असली जिंदगी है। मांगो तो अपने रब से मांगो; जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत; लेकिन दुनिया से हरगिज़ मत माँगना; क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी। कभी भी 'कामयाबी' को दिमाग और 'नकामी' को दिल में जगह नहीं देनी चाहिए। क्योंकि, कामयाबी दिमाग में घमंड और नकामी दिल में मायूसी पैदा करती है। कौन देता है उम्र भर का सहारा।, लोग तो जनाज़े में भी कंधे बदलते रहते हैं। कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो, आंखे मूंदकर उसके पीछे न चलिए। यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो वह हर प्राणी को आंख, नाक, कान, मुंह, मस्तिष्क आदि क्यों देता? अच्छा लगा तो share जरुर करे ! पानी से तस्वीर कहा बनती है, ख्वाबों से तकदीर कहा बनती है, किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ, ये जिंदगी फिर वापस कहा मिलती है, कौन किस से चाहकर दूर होता है, हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है, हम तो बस इतना जानते है, हर रिश्ता "मोती" और हर दोस्त "कोहिनूर" होता है।

महेंदी ओर महजब एक सच

बेहद सावधान शहरों में जगह जगह हाई प्रोफाइल localities में कम उम्र, वयस्क युवतियां और महिलाएं आपको मेहंदी लगवाती दिख जाएंगी ! करवाचौथ और त्यौहारी सीजन में तो इतनी भीड़ हो जाती है कि मेहंदी लगाने वाले लड़के मुँह मांगे पैसे वसूल करते हैं ! आज ही मैंने देखा कि 4 लड़के 4 लड़कियों के हाथों में मेहंदी लगा रहे थे और काफी स्मार्ट और मेन्टेन लग रहे थे ! मेरी समझ में ये नहीं आया कि क्या उन स्मार्ट पड़ी लिखी लड़कियों को ये नही दिखता कि गली गली यूँ मेहँदी लगाने वालों के पास इतना सजने सवरने के लिए समय और पैसा कहाँ से आता होगा । या इनके पास पैसा है तो ये छोटा सा काम क्यों कर रहे हैं । 4 लड़के मेहँदी लगा रहे थे मैं इस तरह वहाँ खड़ा हो गया कि वो लड़के मुझे किसी युवती का भाई या कोई रिश्तेदार समझें ! एक युवक ने मेहंदी लगाने के बाद युवती से कहा कि "आपका हाथ गज़ब लग रहा है मैडम ", युवती शर्मा गई और युवक ने आँखों-आँखों में मुस्कान फेंकी ! और कुछ न कुछ ऐसे बोलना कि वो नव योवनाएं उनसे प्रभावित हों। फिर युवती गदगद मन से शायद 200 रु देकर मेहंदी लगा हाथ सँभालते हुए रवाना हो गई ! शहरी क्षेत्र में अनेक इंजीनियरिंग और एमबीए की स्टूडेंट्स पीजी के रूप में रहती हैं, मेरे समझ के बाहर की बात है कि अपने शहर से दूर पढ़ने के लिए आई युवती को मेहंदी और सौंदर्य प्रसाधनों की आवश्यकता क्यों है ? बहरहाल मैंने चारों लड़कों से उनके नाम पूछे । लड़के हिचकिचाये, कुछ और नाम बताये, मैंने कहा कि ID दिखाओ, ID में लड़कों के नाम, चारों नाम गौर से पढ़िए :-1.रुसलान 2.अलतमष 3.मुज़म्मिल 4.वहीद ! साथियों, हमारी बेटियों बहनो का हाथ पकड मेहंदी लगाते यह शातिर शिकारी लोग इन भोली-भाली बच्चियों को किधर मोड़ ले जाएं, कुछ मालूम नहीं !! मेरे समझ के बाहर का विषय है कि अब घर में माँ बहन और बेटी एक दूसरे के हाथ में मेहंदी क्यों नहीं लगा सकती ? बाहर जाकर मेंहदी लगवाना कौनसा फैशन है ? लव जिहाद की शुरुआत यहीं से होती है

उम्र और उसकी खाशीयत

1. चालीस साल की अवस्था में "उच्च शिक्षित" और "अल्प शिक्षित" एक जैसे ही होते हैं। (ब्लकि अल्प शिक्षित अधिक कमा लेते हैं) 2. पचास साल की अवस्था में "रूप" और "कुरूप" एक जैसे ही होते हैं। (आप कितने ही सुन्दर क्यों न हों झुर्रियां, आँखों के नीचे के डार्क सर्कल छुपाये नहीं छुपते) 3. साठ साल की अवस्था में "उच्च पद" और "निम्न पद" एक जैसे ही होते हैं।(चपरासी भी अधिकारी के सेवा निवृत्त होने के बाद उनकी तरफ़ देखने से कतराता है) 4. सत्तर साल की अवस्था में "बड़ा घर" और "छोटा घर" एक जैसे ही होते हैं। (घुटनों का दर्द और हड्डियों का गलना आपको बैठे रहने पर मजबूर कर देता है, आप छोटी जगह में भी गुज़ारा कर सकते हैं) 5. अस्सी साल की अवस्था में आपके पास धन का "होना" या "ना होना" एक जैसे ही होते हैं। ( अगर आप खर्च करना भी चाहें, तो आपको नहीं पता कि कहाँ खर्च करना है) 6. नब्बे साल की अवस्था में "सोना" और "जागना" एक जैसे ही होते हैं। (जागने के बावजूद भी आपको नहीं पता कि क्या करना है). जीवन को सामान्य रुप में ही लें क्योंकि जीवन में रहस्य नहीं हैं जिन्हें आप सुलझाते फिरें। आगे चल कर एक दिन हम सब की यही स्थिति होनी है इसलिए चिंता, टेंशन छोड़ कर मस्त रहें स्वस्थ रहें। यही जीवन है और इसकी सच्चाई भी।

कोंग्रेस का एक ओर काला सच

एक और सनसनीखेज खुलासे से दहली भारतीय राजनीति, कांग्रेस के इशारे पर आलोक वर्मा प्रधानमंत्री कार्यालय पर CBI का छापा मार कर नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश में जुटे थे! मोदी सरकार को गिराने के लिए एक और कोंग्रेसी साजिश का पर्दाफ़ाश हुआ है, जिसने भारतीय राजनीति में हड़कंप मचाया हुआ है. यहाँ ये भी साफ़ होता है कि कांग्रेस अपने अंत को देख कर किस कदर छटपटा रही है. सीबीआई में आंतरिक कलह और दो शीर्ष अधिकारियों के बीच आरोप प्रत्यारोप को लेकर सनसनीखेज खुलासा हुआ है. 👉 प्रधानमंत्री कार्यालय पर सीबीआई का छापा मार कर बड़ी साजिश में लगे थे आलोक वर्मा! सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को लेकर खुलासा हुआ है कि वो 10 जनपथ के इशारे पर काम कर रहे थे. और ना केवल काम कर रहे थे बल्कि मोदी सरकार को गिराने की कोंग्रेसी साजिश में भी शामिल थे. खुलासे के मुताबिक़ कांग्रेस के इशारे पर आलोक वर्मा 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार को संकट में फंसाने की साजिश कर रहे थे. खबर है कि आलोक वर्मा प्रधानमंत्री कार्यालय पर सीबीआई का छापा मार कर पीएम नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश में जुटे थे! 👉 अजीत डोवाल के बेटे शौर्य डोवाल का फोन टेप करवाया था! रिपोर्ट के मुताबिक़ आलोक वर्मा सीबीआई में कांग्रेस के दलाल के रूप में काम कर रहे थे और अपने पद का दुरुपयोग कर सोनिया गांधी व् अन्य भ्रष्ट कोंग्रेसी नेताओं का कवच बने हुए थे. यही कारण है कि कोंग्रेसी नेताओं पर चल रहे भ्रष्टाचार के केसों को जानबूझ कर लटकाया जा रहा था. इतना ही नहीं, आलोक वर्मा पर कांग्रेस के इशारे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के बेटे शौर्य डोवाल का फोन टेप करने का आरोप भी है. रिपोर्ट के मुताबिक़ आलोक वर्मा व राकेश अस्थाना दोनों कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे. 👉 चिदंबरम पूरे गैंग का सरगना! आलोक वर्मा चिदंबरम गिरोह द्वारा संचालित थे, तो अस्थाना अहमद पटेल के संदेसरा ग्रुप से लाभ प्राप्त करने वालों में शामिल थे. कांग्रेस में अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने का चिदंबरम का पुराना इतिहास रहा है. यूपीए-2 में प्रणव मुखर्जी की जासूसी कराने में पहले ही उनका नाम सामने आ चुका है. उनका पूरा गिरोह है, जिसमे वकीलों से लेकर पुलिस व् सीबीआई अधिकारी, सरकारी अम्लों में बैठे बड़े आला अफसर से लेकर न्यायपालिका में बैठे कई जज तक शामिल बताये जा रहे हैं. 👉 अजित डोभाल के आने से कोंग्रेसी साजिशें नाकाम! यही कारण है कि पीएम मोदी ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना, दोनों पर एक साथ सर्जिकल स्ट्राइक कर कांग्रेस के दोनों खेमे पर प्रहार किया है. 👉 सीबीआई की गोपनीय बातें व् फाइलें कोंग्रेसी नेताओं तक पहुँचता था आलोक वर्मा! ये भी सामने आया है कि सीबीआई द्वारा कोंग्रेसियों के केसों की फाइलों में मौजूद गोपनीय जानकारियां कोर्ट से पहले चिदंबरम की मेज पर पहुंचा दी जाती थी. यहाँ तक कि राहुल गाँधी तक को सीबीआई की आंतरिक जानकारियां पहुंचाई जाती थीं, यही कारण है कि आलोक वर्मा मोदी को फंसाने के लिए राफेल के कागजात का जुगाड़ कर रहे थे और ये बात राहुल गाँधी को पहले से ही पता थी. मगर बुद्धि के मामले में तंग राहुल गाँधी खुद ही ट्वीट करके फंस गए. राहुल ने ट्वीट करके कहा कि, “सीबीआई चीफ आलोक वर्मा राफेल घोटाले के कागजात इकट्ठा कर रहे थे. उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया. प्रधानमंत्री का मैसेज एकदम साफ है जो भी राफेल के इर्द गिर्द आएगा- हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा”. जिससे तुरंत राहुल पकडे गए कि एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी क्या काम कर रहा था, इसकी जानकारी उनतक कैसे पहुंच गयी? यहाँ एक बार फिर से स्पष्ट हो गया कि आलोक वर्मा नाम का ये धूर्त सीबीआई अफसर दरअसल 10 जनपथ की कठपुतली था और राहुल गाँधी को गोपनीय सूचनाएं देकर इसने गोपनीयता का उल्लंघन भी किया! राहुल गांधी के ट्वीट पर उन्हीं की पार्टी के पूर्व नेता शहजाद पूनावाला ने सवाल किया कि आखिर राहुल गांधी को कैसे पता कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा राफेल के दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं? राहुल गांधी को निश्चित रूप से इस सवाल का खुलासा करना चाहिए. 👉 आलोक वर्मा के काले कारनामों पर एक नज़र! अगस्ता वेस्टलैंड मामले में अभी तक चार्जशीट न दाखिल की गई हो या फिर उसी मामले में दुबई में गिरफ्तार मुख्य आरोपी मिशेल के प्रत्यर्पण के मामले को लटकाना रहा हो. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस घोटाला मामले में चार्जशीट न दाखिल करने की बात हो या उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई को सुस्त करना हो. लालू प्रसाद यादव के आईआरसीटी (रेलवे होटल) घोटाला मामले में विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को जांच करने से रोकना हो या फिर बिकानेर जमीन घोटाले में राबर्ट वाड्रा की जांच रोकने का मामला हो. इन सारे मामलों में आलोक वर्मा पर सोनिया गांधी से लेकर उनके संबंधियों या उनके नजदीकी सहयोगियों को बचाने का आरोप है. 👉 अगस्ता वेस्टलैंड में अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं क्यों? अगस्टा वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में भ्रष्टाचार साबित होने के बाद भी आजतक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई. आरोप है कि इसके पीछे सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा का ही हाथ बताया जा रहा है. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इस घोटाले में सीधे तौर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम आया है. इतना ही नहीं इस घोटाले के मुख्य आरोपी (बिचौलिया) क्रिश्चियन मिशेल दुबई में गिरफ्तार किया गया. सीबीआई और ईडी के संयुक्त प्रयास की वजह से दुबई की अदालत ने उसके प्रत्यर्पण की भी मंजूरी दे दी थी. लेकिन अंत में उसका प्रत्यर्पण नहीं हो पाया. जबकि मिशेल ने भारतीय अधिकारियों के सामने स्पष्ट रूप से सोनिया गांधी का नाम लिया था. लेकिन अंत में उसका प्रत्यर्पण नहीं हो पाया. आरोप है कि कांग्रेस के दबाव के कारण ही आलोक वर्मा ने उनका प्रत्यर्पण नहीं होने दिया. 👉 एयरसेल मैक्सिस मामले में पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट नहीं एयरसेल-मैक्सिस घोटाला मामले में भी अभी तक पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं होने के पीछे आलोक वर्मा का ही हाथ बताया जा रहा है. आरोप है कि आलोक वर्मा पी चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर कांग्रेस आलाकमान को नाराज नहीं करना चाहते थे. जबकि ईडी और सीबीआई जांच के बाद यह करीब-करीब साबित हो चुका है कि पी चिदंबरम ने अपने बेटे को आर्थिक फायदा पहुंचाने के एबज में एयरसेल मैक्सिस कंपनी को अवैध तरीके 3,500 करोड़ रुपये के लिए एफआईपीबी की मंजूरी दी थी, जबकि यह काम आर्थिक मामले की कैबिनेट कमेटी का है. लेकिन चिदंबरम ने उसकी सहमति के बगैर ही मंजूरी दे दी थी. इसके बाद भी अभी तक सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई है. 👉 पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई रोकने का आरोप सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर न केवल पी चिदंबरम को बचाने का आरोप लगाया गया है बल्कि उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ चल रही कार्रवाई को भी रोकने का आरोप है. मालूम हो कि कार्ति चिदंबरम से आईएनएक्स मीडिया मामले में ईडी ने कई बार पूछताछ की है. ईडी के प्रयास से उसकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है, लेकिन सीबीआई ने उसके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. कार्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के लिए आलोक वर्मा को ही जिम्मेदारा माना जाता है. 👉 आईआरटीसी घोटाले में लालू प्रसाद यादव को बचाने का आरोप यथावत के संपादक राम बहादुर राय ने अपने आलेख में एक जगह है लिखा है कि अगर लालू प्रसाद यादव रेलवे मंत्री नहीं बनाए गए होते तो उन्होंने अपने परिवार के लिए जो संपत्ति अर्जित की ही है वह नहीं कर पाते. ऐसे भ्रष्टाचारी को बचाने का आरोप आलोक वर्मा पर है. आरोप है कि जब विशेष निदेशक राकेश अस्थाना आईआरटीसी घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव की जांच कर रहे थे तो आलोक वर्मा ने उन्हें लालू प्रसाद यादव की जांच करने से रोक दिया था. कांग्रेस तो कांग्रस उसके नजदीकी सहयोगियों को भी बचाने का आरोप आलोक वर्मा पर लगता रहा है. दरअसल कहा जा रहा है कि ये एक इतना धूर्त और मक्कार किस्म का अधिकारी था, जो एक नंबर का बिकाऊ और मौकापरस्त था. पैसों व् निजी फायदे की खातिर ये कांग्रेस समेत अन्य दलों के भ्रष्टाचारी नेताओं को भी बचाता आ रहा था. 👉 बिकानेर जमीन घोटाला मामले में राबर्ट वाड्रा के खिलाफ आगे नहीं बढ़ने दी जांच बलात छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को भी बचाने का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि बिकानेर में एक जमीन घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा का नाम आया था. इस मामले की जांच सीबीआई को करनी थी, लेकिन आलोक वर्मा ने उस जांच को आगे ही नहीं बढ़ने दिया. आरोप है कि कि आलोक वर्मा ने ही दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच को रोक दिया था. आलोक वर्मा द्वारा जांच रोके जाने के कारण आज तक उसके खिलाफ जांच पूरी नहीं हो पाई है. 👉 वामपंथी वकील प्रशांत भूषण की सहायता! इतना ही नहीं आलोक वर्मा कांग्रेस और विरोधी पार्टियों के लिए एक केंद्र बन गए थे. वे हमेशा से प्रशांत भूषण के संपर्क में रहे हैं. आरोप तो यह भी है कि आलोक वर्मा के कहने पर ही प्रशांत भूषण ने राकेश अस्थाना के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर उनकी सीबीआई के विशेष निदेशक के पद पर हुई नियुक्ति को लेकर सवाल उठाया था. इसके अलावा ये भी आरोप हैं कि आलोक वर्मा द्वारा लीक किये गए दस्तावेजों के आधार पर ही प्रशांत भूषण ने अस्थाना के खिलाफ स्टर्लिंग बायोटेक मामले से लेकर मोईन कुरैशी से संबंध के मामले को उछाला था. 👉 अरुण शौरी तथा यशवंत सिन्हा भी साजिश में शामिल! साथ ही ये बात भी सामने आयी है कि पीएम मोदी के खिलाफ बीजेपी के मौकापरस्त नेताओं अरुण शौरी तथा यशवंत सिन्हा व् वामपंथी वकील प्रशांत भूषन के साथ मिलकर ये धूर्त सीबीआई अधिकारी आलोक वर्मा रफाल डील मामले में साजिश रच रहा था. इस तिकड़ी ने सीबीआई को लिखी 132 पेज की चिट्ठी के आधार पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील मामले में इनलोगों की मंशा पर पानी फेर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील की प्रक्रिया पर सुनवाई की बात करते हुए इन लोगों की साजिश का बेड़ा गर्क कर दिया. 👉 कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के समर्थन से सीबीआई में वापसी के जुगाड़ में लगा आलोक वर्मा! सुप्रीम कोर्ट से लात पड़ने के बाद ही इन लोगों ने आलोक वर्मा के माध्यम से सीबीआई के बहाने इस मसले को उठाने की योजना बनाई. आरोप है कि आलोक वर्मा कांग्रेस और विरोधी पार्टियों के मुखौटा भर रह गए थे. वे मोदी सरकार को 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले गहरे संकट में डालना चाहते थे, ताकि कांग्रेस को राजनीतिक रूप से भी लाभ मिल सके. छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा अभी भी चुप नहीं बैठे हैं. वह अभी भी अपना पत्ता चल रहे हैं. खबर आ रही है कि ये भ्रष्ट व् मक्कार अफसर अब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के समर्थन से दोबारा अपना ओहदा पाने के फिराक में है. दरअसल वे पीएमओ (भास्कर खुलबे और पीके मिश्रा) से टकराने का मन बना चुके हैं. जिस प्रकार दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय (राजेंद्र कुमार) पर रेड डाला गया था. उनकी योजना पीएमओ में रेड डालने की थी. कुल मिलाकर पीएम मोदी के खिलाफ षड्यंत्र किये जा रहे हैं. किसी तरह से उन्हें बदनाम कर दिया जाए या फिर उनकी ह्त्या करवा दी जाए ताकि कांग्रेस सत्ता में वापसी कर सके क्योकि कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार व् लूट करना ऐसे अधिकारियों के लिए भी आसान रहता है.

आज का परिवार और खात्मा

" परिवार " परिवार अब कहाँ ,परिवार तो कब के मर गए ! आज जो है,वह उसका केवल टुकड़ा भर रह गए ! पहले होता था दादा का , बेटों पोतों सहित , भरा पूरा परिवार , एक ही छत के नीचे , एक ही चूल्हे पर , पलता था उनके मध्य , अगाध स्नेह और प्यार ! अब तो रिश्तों के आईने , तड़क कर हो गए हैं कच्चे , केवल मैं और मेरे बच्चे , माँ बाप भी नहीं रहे परिवार का हिस्सा , तो समझिये खत्म ही हो गया किस्सा ! होगा भी क्यों नहीं , माँ बाप भी आर्थिक चकाचोंध में , बेटों को घर से दूर ठूंस देते हैं किसी होस्टल में , पढ़ने के बहाने ! वंचित कर देते हैं प्रेम से जाने अनजाने ! "आज की शिक्षा" हुनर तो सिखाती है , पर संस्कार कहाँ दे पाती है ! पढ़ लिख कर बेटा डॉलर की चकाचोंध में, आस्ट्रेलिया ,यूरोप या अमेरिका बस जाता है ! बाप को कंधा देने भी कहाँ पहुंच पाता है ! बाकी बस जाते हैं बंगलोर,हैदराबाद, मुम्बई ,नोएडा या गुड़गांव में ! फिर लौट कर नहीं आते माँ बाप की छांव में ! पिछले वर्ष का है किस्सा , ऐसा ही एक बेटा लेकर हिस्सा पुस्तैनी घर बेचकर , माँ के विश्वास को तोड़ गया ! उसको यतीमों की तरह , दिल्ली के एयर पोर्ट पर छोड़ गया ! अभी अभी एक नालायक ने माँ से बात नहीं की ,पूरे एक साल ! आया तो देखा माँ का आठ माह पुराना कंकाल ! माँ से मिलने का तो केवल एक बहाना था ! असली मकसद फ्लैट बेचकर खाना था ! आपसी प्रेम का खत्म होने को है पेटा लड़ रहे हैं बाप और बेटा करोड़पति सिंघानियां को लाले पड़ गये हैं खाने के बेटे ने घर से निकाल दिया , चक्कर काट रहा है कोर्ट कचहरी थाने के ! परिवार को तोड़ने में अब तो कानून ने भी बो दिए हैं बीज जायज है लिव इन रिलेशनशिप और कॉन्ट्रैक्ट मैरिज ना मुर्गी ना अंडा ना सास ससुर का फंडा जब पति पत्नी ही नहीं तो परिवार कहाँ से बसते कॉन्ट्रैक्ट खत्म , चल दिये अपने अपने रास्ते इस दौरान जो बच्चे हुए , पलते हैं यतीमों की तरह पीते हैं तिरस्कार का जहर ! अर्थ की भागम भाग में मीलों पीछे छूट गए हैं , रिश्ते नातेदार ! टूट रहे हैं घर परिवार सूख रहा है प्रेम और प्यार परिवारों का इस पीढ़ी ने ऐसा सत्यानाश किया कि , आने वाली पीढ़ियां सिर्फ किताबों में पढ़ेंगी ! वन्स अपॉन अ टाइम देयर वाज लिवींग जोइंट फैमिली इन इंडिया दैट इज कॉल्ड परिवार

मिश्रा का परिवार और खुशियों पे नजर

पड़ोस में मिश्रा जी का हँसता खेलता खुशहाल परिवार रहता है... मिश्रा जी ओएनजीसी से रिटायर्ड है... उनकी सराफा बाजार में ज्वेलरी की बड़ी सी दुकान भी है... बड़े बेटे ने पिछले साल ही सिविल क्रैक किया है... दूसरे नम्बर की बेटी डॉक्टर है, मिश्रा जी ने शहर के ही एक बड़े डॉक्टर से उसका रिश्ता तय किया है... तीसरा और सबसे छोटा बेटा इसी साल हाई स्कूल फर्स्ट डिवीजन पास कर के फर्स्ट ईयर की तैयारी कर रहा है... कुल मिलाकर मिश्रा जी और उनके परिवार पर ईश्वर की विशेष कृपा है... लेकिन कहते है कि खुशियों को नज़र भी बड़ी जल्दी लगती है... पिछले कुछ दिनों से मिश्रा जी का सबसे छोटा बेटा अचानक ही खामोश और गुमसुम सा रहने लगा... सारा दिन मोबाइल में आंखे गड़ाए रहता... मोबाइल में कुछ देखते देखते गुस्से से उसकी भृकुटि तन जाती... कभी क्रोध से आँखों मे लाल डोरे तैरने लगते तो कभी आँखों से आँसू बहने लगते... कभी अचानक मुठ्ठी भींच लेता, अचानक ही उसकी भुजाएँ फड़फड़ाने लगती तो कभी अचानक ही वो निढाल होकर बिस्तर पर लुढ़क जाता और सिसकने लगता... रात को अचानक ही नींद से जाग जाता, बिस्तर से उठकर भागते हुए बंगले का गेट खोल कर बाहर झाँकता, फिर कमरे में लौट कर आता, मोबाइल देखता और फिर खिड़की से बाहर झाँकता... हालात ये हो गए कि अब वो रात रात भर जागने लगा... सारी सारी रात छत पर टहलते हुए गुज़ार देता... आखिर माँ से अपने दुलारे बेटे की ये हालत कब तक छुपी रहती... माँ ने सोचा शायद बेटा किसी लड़की के चक्कर मे पड़ गया है इसलिए एक रात उसे छत पर टहलते देख माँ भी छत पर पहुँच गई और प्यार से पूछा, "क्या बात है बेटा..? अचानक से तुम सारी सारी रात जागने क्यों लगे हो..?" बेटा बोला, " माँ! चौकीदार सो रहा है इसलिए मैं जाग रहा हूँ.." माँ की समझ मे कुछ न आया तो बोली, "बेटा अभी तो सोसाइटी का चौकीदार सीटी बजाते हुए निकला है.?" बेटा बोला, "तू नही समझेगी माँ.. जा सो जा... सुबह बात करते है... आज फैसले की रात है..." सुबह चार बजे छोटा बेटा अपने बड़े भाई के कमरे में गया और उसके बेड पर ज़ोर से लात मारता हुआ बोला," देश मे आपातकाल जैसे हालात है, लोगों से बोलने की आज़ादी छीनी जा रही है, फकीर देश लूट रहा है और तू चैन से सो रहा है अंधभक्त कमलगट्टे..?" बड़े भाई ने मारने के लिए चप्पल उठाई तो छोटा बेटा गुस्से से तमतमाया हुआ उसके कमरे से निकल के पूजा घर पहुँच गया... मन्दिर की सारी मूर्तियाँ और तश्वीरें उठा कर घर के बाहर फेक दीं और ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा, "तुम सब देश मे भगवा राज लाना चाहते हो... इस देश को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हो लेकिन मेरे जीते जी ऐसा नही होगा... ये देश सब का है.. किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़े है... तुम्हारा नफरत बांटने का एजेंडा अब और नही चलेगा... फिर वो बरामदे में गया... बड़ी बहन पैर की फ़टी एड़ियों में क्रैक क्रीम लगा रही थी... ये देख कर छोटा बेटा बहन के हाथ से क्रीम छीन कर दूर फेंकते हुए बोला, " मोदी की चमची! तू इन फ़टी एड़ियों की दरारों को क्रैक क्रीम से भर नही सकती, इन दरारों में ही राफेल के सबूत छुपे है... फिर वो भागते भागते बगीचे में गया और पिंजरे में बन्द तोते को आज़ाद कर दिया... माँ दौड़ते हुए आई और बोली तोते को क्यों उड़ा रहे हो बेटा..? बेटा बोला, " माँ! ये तोता नही सीबीआई है सीबीआई... इसके पास राफेल के सबूत है... इनका आज़ाद होना जरूरी है ताकि सच बाहर आ सके..." माँ को हैरान परेशान छोड़कर वो अपना स्कूल बैग लेकर स्कूल चला गया... स्कूल पहुंचते ही वो सीधा प्रिंसिपल के ऑफिस गया और बोला, "सर! आप मेरी गर्दन पर छुरी भी रख दो तो भी मैं भारत माता की जय नही बोलूँगा... प्रिंसिपल ने ऊपर से नीचे तक उसे देखा और कहा, "गेट आऊट" वो बोला, " 30000 महीने में बीजेपी आईटी सेल की नौकरी करने वाले संघी पिट्ठू तू मुझे क्या निकालेगा मैं खुद तेरा स्कूल छोड़ता होता हूँ.." बेटा स्कूल से घर आया और बैग फेंकते हुए बोला," माँ, तुम्हारे पति का किसी और से अफेयर से चल रहा है.." माँ ने चौकते हुए पूछा ये क्या बोल रहा है बेटा..? अपने बाप को ऐसे सम्बोधित करते है..? बेटा आंखों में अंगारे भर के बोला," कैसा बाप किसका बाप..?? जब गाँधी नेहरू खानदान देश की आज़ादी के लिए जंग लड़ रहा था तब ये तुम्हारा संघी पति दीनानाथ मिश्रा अंग्रेज़ो की जासूसी कर रहा था... माँ ने बात काटते हुए पूछा , अच्छा बता, कैसे पता कि तेरे बाप का किसी और से चक्कर चल रहा है...? बेटे ने जेब से मोबाइल निकाला और 'कांग्रेस लाओ देश बचाओ फेसबुक ग्रुप' दिखाते हुए कहा, "देख माँ रवीश कुमार की शेयर की हुई भेल यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट... साफ साफ लिखा है की भारत मे लोगों का व्यापार ठप्प हो गया... जब सब का व्यापार ठप्प है तो आखिर तुम्हारा पति दुकान में क्या करने जाता है...? सोच माँ सोच...." माँ बोली," लेकिन बेटा अपने यहाँ टीवी अखबार में तो ऐसा कुछ नही दिखाते की लोगो का रोजगार ठप्प है..?" बेटा बोला, " व्हाट्सअप पर आया है माँ... टीवी मीडिया सब बिके हुए है... तू ऐसे नही समझ पाएगी... मैं तुम्हे अपने व्हाट्सअप ग्रुप ' एक ही आंधी राहुल गाँधी' में एड करता हूँ... माँ को अब बेटे की बीमारी समझ मे आ गई थी... उसने मिश्रा जी को फोन लगाया... बेटा घर से बाहर निकलते हुए बोला, "माँ! मैं घर छोड कर जा रहा हूँ और तब तक वापस नही आऊंगा जब तक तेरे मोबाइल पर 'मेड इन कोरिया' की जगह 'मेड इन अमेठी' लिखा हुआ न देख लूँ.. बेटा बाहर निकला, चौराहे पर पनवाड़ी की दुकान से सिगरेट खरीद के जलाई और लंबे लम्बे कश लेने लगा... पीछे से कंधे में किसी का हाथ महसूस कर मुड़ा तो देखा उसके पिताजी खड़े थे... पिताजी ने बेटे के मुंह से सिगरेट निकाली और पैर से कुचल दी... बेटे ने अपने पिता को देखा, फिर आग उगलती आँखों से बुझी हुई सिगरेट को देखा,,, फिर एक हाथ से पिता का गिरहबान पकड़ा और दूसरे से फेसबुक लाइव जाकर चिल्लाने लगा, " बुझ गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए...." मिश्रा जी ने मामले को संभालते हर प्यार से पूछा, "बिल्कुल बेटा! लेकिन कौन सी पीर कौन सा पर्वत...?" बेटे ने मुंह फेसबुक कैमरे से हटा कर पिता जी की ओर किया और उनकी आंखों में आँखे डालकर बोला, " रिटायर्ड इंजीनियर दीनानाथ मिश्रा.... पीर मतलब जो पर्वत है न... ये जो पर्वत है और ये जो मानसरोवर है न यही पर्वत है... बाकी शाम को मेरा ट्वीट पढ़ लेना..." मिश्रा जी को अब बेटे की असली बीमारी का पता चल चल चुका था, और इस बीमारी का इलाज भी... मिश्रा जी बेटे को अब बेल्टें बेल्ट मार रहे है... बैकग्राउंड में बेटे की तेज चीखें गूंज रही है... " ...मैं कांग्रेसी नहीं हूँ... ...मैं इस देश का जिम्मेदार नागरिक हूँ...

Monday 29 October 2018

एक पीढ़ी बदलने वाली है

आने वाले 20/25 साल में एक पीढी,संसार छोड़ कर जाने वाली है, . कड़वा है,लेकिन सत्य है। इस पीढ़ी के लोग बिलकुल अलग ही हैं... रात को जल्दी सोने वाले, सुबह जल्दी जागने वाले,भोर में घूमने निकलने वाले। आंगन और पौधों को पानी देने वाले, देवपूजा के लिए फूल तोड़ने वाले, पूजा अर्चना करने वाले, प्रतिदिन मंदिर जाने वाले। रास्ते में मिलने वालों से बात करने वाले, उनका सुख दु:ख पूछने वाले, दोनो हाथ जोड कर प्रणाम करने वाले, पूजा होये बगैर अन्नग्रहण न करने वाले। उनका अजीब सा संसार...... तीज त्यौहार, मेहमान शिष्टाचार, अन्न, धान्य, सब्जी, भाजी की चिंता तीर्थयात्रा, रीति रिवाज, सनातन धर्म के इर्द गिर्द घूमने वाले।* पुराने फोन पे ही मोहित, फोन नंबर की डायरियां मेंटेन करने वाले, रॉन्ग नम्बर से भी बात कर लेने वाले, समाचार पत्र को दिन भर में दो-तीन बार पढ़ने वाले। हमेशा एकादशी याद रखने वाले, अमावस्या और पुरमासी याद रखने वाले लोग, भगवान पर प्रचंड विश्वास रखनेवाले, समाज का डर पालने वाले, पुरानी चप्पल, बनियान, चश्मे वाले। गर्मियों में अचार पापड़ बनाने वाले, घर का कुटा हुआ मसाला इस्तेमाल करने वाले और हमेशा देशी टमाटर, बैंगन, मेथी, साग भाजी ढूंढने वाले। नज़र उतारने वाले, सब्जी वाले से 1-2 रूपये के लिए, झिक झिक करने वाले लोग।* क्या आप जानते हैं..... ये सभी लोग धीरे धीरे, हमारा साथ छोड़ के जा रहे हैं। क्या आपके घर में भी ऐसा कोई है? यदि हाँ, तो उनका बेहद ख्याल रखें।* अन्यथा एक महत्वपूर्ण सीख, उनके साथ ही चली जायेगी.....वो है, *संतोषी जीवन, सादगीपूर्ण जीवन, प्रेरणा देने वाला जीवन, मिलावट और बनावट रहित जीवन, धर्म सम्मत मार्ग पर चलने वाला जीवन और सबकी फिक्र करने वाला आत्मीय जीवन। आपके परिवार मैं जो भी बडे हौं उनको मान सन्मान और अपनापन समय तथा प्यार दीजिये ।। *संस्कार* ही *अपराध* रोक सकते हैं *सरकार* नहीं !!

सुप्रीम कोर्ट ओर राम मंदिर

#सुप्रीम_कोठा भांडो का अड्डा बन चुका है जहां देशद्रोहियों के लिये आधी रात कोर्ट खुलती है , हिन्दू त्योहारों पर निर्णय दिये जाते है ,भ्रास्टाचारियों को अग्रिम जमानत मिल सकती है.....!!!! परन्तु #रामलला के लिये समय नही है.....!!! #जानते_है_क्यों....???? दिक्कत ये है जो भी जज है उनमें ज्यादातर ऐसे हैं जिन्होंने कभी सामान्य जीवन जीया ही नही....!!! वो #वंशानुगत जज होते हैं जो न तो कभी सरकारी बस में सफर किए हैं ना ट्रेन में धक्के खाए हैं ना ही अस्पतालों में लाइन लगाकर इलाज करवाएं है....!! ना तो थाने पर गये है और ना ही कोर्ट कचहरी से पाला पड़ा होता है....!!! वो #हमारी_दुनिया में रहकर भी हमारी दुनिया का हिस्सा नहीं होते क्योंकि उनके बाबा भी जज थे उनके बाप भी जज थे....!!!! वे दून कालेज से इंटर करने के बाद हावर्ड या कैलिफोर्निया से वकालत की पढ़ाई करने के बाद वो भी दस साल का अनुभव जुटाते हैं और कोलेजियम के थ्रू जज हो जाते हैं....!!! इन सबके बीच भारत में रहकर भी वो भारत को नहीं जान पाते और ना ही यहां के #परंपराओं को...!! नतीजा कभी #दिपावली पर पटाखे प्रतिबंधित करने तो कभी #शबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के नाम पर रेहाना फातिमा जैसी अभद्र महिलाओं को जाने की अनुमति देने जैसे उलजलूल निर्णय देते हैं....!!! कुछ तो ऐसे हैं जो कोई निर्णय ही नहीं देते यही सोचकर कि निर्णय देने पर उनको #न्यायिक_ज्ञान की पोल न खुल जाए , नाम लिखना समझदारी नहीं है इसलिए नहीं लिख रहे हैं...!! इसीलिए तो हम कहते हैं कि अजूबे के मामले में पूरा भारत ही #अजूबा है न कि केवल ताजमहल...!!! यहां जिसको सबसे कम समाज और #संविधान की समझ होती है वो उतने ही बड़े संवैधानिक पद पर होता है.....!!! जनवरी में #तारीख मिली है और उस तारीख में भी अगली #तारीख मिलेगी। लिखके लेलो....😏 इन्तहा हो गयी #इंतज़ार की.....!!

ब्राह्मण और सरपंच की कथा

-राजनीति एक गाँव में बाहर से आकर एक ब्राह्मण रहने लगा ।     उसने गाँव की एक लड़की के साथ शादी कर ली । उसके दो बच्चे हुए । एक का नाम राजाराम और दूसरे का नाम सीताराम था । दोनों बड़े हुए इसलिए जरूरत बढ़ी । माँग कर पेट भरना मुश्किल था और मेहनत वाला कोई काम तो ब्राह्मण नहीं करेगा । दान दक्षिणा से ही काम चलायेगा । ऐसे में सरपंच का चुनाव एक साल बाद आने वाला था । दोनों ब्राह्मण पुत्रों ने रोज एक दूसरे से लड़ना चालू किया और गाँव के लोगों को अपने पक्ष में करने लगे । पूरा गाँव दो भागों में बँट गया । आधा राजाराम के पक्ष में और आधा सीताराम के पक्ष में । चुनाव में राजाराम जीत गया और सरपंच बन गया । दोनों का रहना एक ही घर में था । ब्राह्मण की लॉटरी लग गयी । पूरा घर और राजाराम सीताराम की बहुएँ खुश हो गयी, क्योंकि घी तो खीचड़ी में ही जानेवाला था। यानि फायदा दोनों को था । राजाराम ने 5 साल में भ्रष्टाचार करके काफी सम्पत्ति इकट्ठी कर ली । चुनाव नजदीक आते ही सीताराम ने राजाराम के भ्रष्टाचार को expose करना चालू कर दिया और गाँव वालो से कहने लगा कि मुझे सरपंच बना दे तो मैं राजाराम को जेल में डलवा दूँगा ।और ऐसा बोल कर वह खुद सरपंच चुनाव के लिये योग्य उम्मीवार बन गया । चुनाव आते ही ज्यादातर गाँव के लोग सीताराम के समर्थन में आ गये और चुनाव होते ही सीताराम पूर्ण बहुमत से चुनाव जीत गया ।  आज सीताराम सरपंच है और राजाराम की पत्नी उपसरपंच है । पूरा गाँव के लोग इसलिए खुश है क्योंकि राजाराम हार गया । न राजाराम जेल में गया, न सीताराम ! दोनों के पास अकूत सम्पत्ति है, पर फिर भी पूरा गाँव दोनों को अलग अलग समझता है और बारी बारी से उनको चुनता है । *निष्कर्ष-* बस यही हाल है आज कोंग्रेस और बीजेपी की ब्राह्मण राजनीति का है, एक 2G-2G करता रहेगा दूसरा राफेल-राफेल ! आम जनता को तो इनके मीडिया का तमासा देखकर बारी-बारी से इन्ही को पक्ष विपक्ष में बिठाना है, आपको राजाराम सीताराम का यह खेल समझ में आ गया

रावण दहन ओर ट्रैन की टक्कर

मृतसर के जौड़ा फाटक में ये हादसा उस समय हुआ, जब ट्रैक के पास रावण का पुतला जलाया जा रहा था. हावड़ा मेल और एक डीएमयू ट्रेन के एकाएक आने से ये हादसा हुआ. अमृतसर : पंजाब के अमृतसर में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है. अमृतसर के जौड़ा फाटक में ये हादसा उस समय हुआ, जब ट्रैक के पास रावण का पुतला जलाया जा रहा था. हावड़ा मेल और एक डीएमयू ट्रेन के एकाएक आने से ये हादसा हुआ. पुलिस के अनुसार, इस हादसे में 50 लोगों के मारे जाने की खबर है. कहा जा रहा है कि लोग ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. उसी समय ट्रेन आ गई. लोग ट्रेन से बचने के लिए दूसरी तरफ गए, लेकिन उसी दौरान उस ट्रैक पर भी ट्रेन आ गई. मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि इस यह हादसा प्रशासन और दशहरा समिति के गलतियों का नतीजा है. जब ट्रेन आ रही थी, तब ट्रेन को हॉर्न बजाना चाहिए था. लोगों को अलार्म के जरिए ट्रेन के बारे बताया जाना चाहिए था. इससे लोग बच सकते थे. लोगों ने बताया कि प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए था कि ट्रेन यहां पर धीमी हो जाए. कहा जा रहा है कि रावण दहन के कारण ट्रैक पूरी तरह से लोगों से भरा हुआ था. इसी दौरान ट्रेन आ गई. ट्रैन के चपेट में आने से मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है. घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है. अमृतसर के पास जौड़ा बाजार में हुए हादसे के बाद लोग डर गए हैं. चश्मदीदों का कहना है कि रावण दहन के समय वहां भीड़ काफी थी. इसी दौरान ट्रैक पर ट्रेन आ गई. मौके पर रेलवे के आलाअधिकारी पहुंच चुके हैं. घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है. घायलों को एंबुलेस के जरिए घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह ट्रेन पठानकोट से अमृतसर जा रही थी. LIVE टीवी चश्मदीदों का कहना है कि लोग ट्रेक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. इसी दौरान दोनों ट्रैक पर ट्रेन आने से लोगों में भगदड़ मच गई. इसी कारण इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. कहा जा रहा है कि इस कार्यक्रम को स्थानीय पार्षद ने आयोजित किया था. इसमें पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर भी आई हुई थीं. हालांकि कहा जा रहा है कि हादसे के बाद वह वहां से चली गईं.

साइकिल ओर शराब मत छोड़ना

80 वर्षीय संकेत चेक-अप के लिए डॉक्टर के पास गया। डॉक्टर उसकी सेहत को देख कर हैरान हो जाता है और पूछता है, 'तुम्हारी इतनी अच्छी सेहत का राज़ क्या है?' संकेत, 'मैं पंजाबी हूं सूरज उगने से पहले उठता हूं और साइकलिंग करने निकल जाता हूं फिर वाइन के दो गलास पीता हूं....' और यही मेरी सेहत का राज़ है। डॉक्टर, 'ठीक है ....तुम 80 बरस के हो, मुझे यह बताओ जब तुम्हारे पिता की मृत्यु हुई तो वो कितने बरस के थे? 'मेरे पिता की मृत्यु किसने कहा?' डॉक्टर हैरान होकर। 'तुम्हारा मतलब है कि तुम 80 बरस के हो और तुम्हारे पिता अभी भी जिंदा हैं। उनकी क्या उम्र है?' संकेत, 'वह 102 साल के हैं और आज भी सुबह मेरे साथ साइकिल चलाने गए थे और दो गलास वाइन पीए थे। डाक्टर, यह तो बहुत अच्छा है। इसका मतलब है लम्बी आयु तुम्हारी फैमिली के जीन्स् में है। तो तुम्हारे दादा की उम्र कितनी थी जब वो मरे। संकेत, किसने कहा मेरे दादा मर गए हैं? डॉक्टर परेशान, 'तुम्हारा मतलब है कि तुम 80 वर्ष के हो और तुम्हारे दादा भी अभी जीवित हैं? बहुत खूब !! उनकी क्या उम्र है?' संता, 'वह 123 बरस के हैं।' अब डाक्टर हैरान परेशान, 'तो, मुझे लगता है कि उसने भी आज सुबह तुम्हारे साथ साइकल चलाया होगा और वाइन ली होगी?' 'नहीं, दादा आज सुबह नहीं जा सके क्योंकि वह आज शादी कर रहे हैं।' डॉक्टर पागल होने की कगार पर, 'शादी? 123 बरस उम्र में वह शादी क्यों करना चाहेंगे? 'किसने कहा कि वह शादी करना चाहते है .... उन्हे तो जबरन करनी पड़ रही है !!!!!! डाक्टर, वो क्यों? लड़की प्रेग्नेंट हो गई है!! शिक्षा : साइकल चलाना और वाइन पीना कभी मत छोड़ें। 😁😆😃😅😄

सबरीमाला एक हक़ीक़त

सबरीमाला-एक हकीकत --सबरीमला मंदिर क्यों सबकी आंखों में खटक रहहै ?* *केरल में सबरीमला के मशहूर स्वामी अयप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के नाम पर चल रहे विवाद के बीच लगातार यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इस मंदिर में ऐसा क्या है कि ईसाई और इस्लाम धर्मों को मानने वाले तथाकथित एक्टिविस्ट भी कम से कम एक बार यहां घुसने को बेताब हैं।* *इस बात को समझने के लिये हमें केरल के इतिहास और यहां इस्लामी और राज्य में बीते 4-5 दशक से चल रही ईसाई धर्मांतरण की कोशिशों को भी समझना होगा।* *मंदिर में प्रवेश पाने के पीछे नीयत धार्मिक नहीं, बल्कि यहां के लोगों की सदियों पुरानी धार्मिक आस्था को तोड़ना है, ताकि इस पूरे इलाके में बसे लाखों हिंदुओं को ईसाई और इस्लाम जैसे अब्राहमिक धर्मों में लाया जा सके।* *केरल में चल रहे धर्मांतरण अभियानों में सबरीमला मंदिर बहुत बड़ी रुकावट बनकर खड़ा है।* *पिछले कुछ समय से इसकी पवित्रता और इसे लेकर स्थानीय लोगों की आस्था को चोट पहुंचाने का काम चल रहा था लेकिन हर कोशिश नाकाम हो रही थी इसीलिए आखिरकार महिलाओं के मुद्दे पर ईसाई मिशनरियों ने न सिर्फ सबरीमला के अयप्पा मंदिर बल्कि पूरे केरल में हिंदू धर्म के खात्मे के लिए सबसे बड़ी चाल चल दी है।* *सबरीमला के इतिहास को समझिये* *1980 से पहले तक सबरीमाला के स्वामी अयप्पा मंदिर के बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता था। केरल और कुछ आसपास के इलाकों में बसने वाले लोग यहां के भक्त थे।* *70 और 80 के दशक का यही वो समय था जब केरल में ईसाई मिशनरियों ने सबसे मजबूती के साथ पैर जमाने शुरू कर दिये थे उन्होंने सबसे पहला निशाना गरीबों और अनुसूचित जाति के लोगों को बनाया। इस दौरान बड़े पैमाने पर यहां लोगों को ईसाई बनाया गया। इसके बावजूद लोगों की मंदिर में आस्था बनी रही इसका बड़ा कारण यह था कि मंदिर में पूजा की एक तय विधि थी जिसके तहत दीक्षा आधारित व्रत रखना जरूरी था।* *सबरीमला उन मंदिरों में से है जहां पूजा पर किसी जाति का विशेषाधिकार नहीं है किसी भी जाति का हिंदू पूरे विधि-विधान के साथ व्रत का पालन करके मंदिर में प्रवेश पा सकता है।* *सबरीमला में स्वामी अयप्पा को जागृत देवता माना जाता है।* *यहां पूजा में जाति विहीन व्यवस्था का नतीजा है कि इलाके के दलितों और आदिवासियों के बीच मंदिर को लेकर अटूट आस्था है।* *मान्यता है कि मंदिर में पूरे विधि-विधान से पूजा करने वालों को मकर संक्रांति के दिन एक विशेष चंद्रमा के दर्शन होते हैं जो लोग व्रत को ठीक ढंग से नहीं पूरा करते उन्हें यह दर्शन नहीं होते।* *जिसे एक बार इस चंद्रमा के* *दर्शन हो गए माना जाता है कि उसके पिछले सभी पाप धुल जाते हैं।* *सबरीमला से आया सामाजिक बदलाव* *सबरीमला मंदिर की पूजा विधि देश के बाकी मंदिरों से काफी अलग और कठिन है। यहां दो मुट्ठी चावल के साथ दीक्षा दी जाती है इस दौरान रुद्राक्ष जैसी एक माला पहननी होती है। साधक को रोज मंत्रों का जाप करना होता है। इस दौरान वो काले कपड़े पहनता है और जमीन पर सोता है। जिस किसी को यह दीक्षा दी जाती है उसे स्वामी कहा जाता है। यानी अगर कोई रिक्शावाला दीक्षा ले तो उसे रिक्शेवाला बुलाना पाप होगा इसके बजाय वो स्वामी कहलायेगा।* *इस परंपरा ने एक तरह से सामाजिक क्रांति का रूप ले लिया।* *मेहनतकश मजदूरी करने वाले और कमजोर तबकों के लाखों-करोड़ों लोगों ने मंदिर में दीक्षा ली और वो स्वामी कहलाये।* *ऐसे लोगों का समाज में बहुत ऊंचा स्थान माना जाता है। यानी यह मंदिर एक तरह से जाति-पाति को तोड़कर भगवान के हर साधक को वो उच्च स्थान देने का काम कर रहा था जो कोई दूसरी संवैधानिक व्यवस्था कभी नहीं कर सकती है।* *ईसाई मिशनरियों के लिये मुश्किल* *सबरीमला मंदिर में समाज के कमजोर तबकों की एंट्री और वहां से हो रहे सामाजिक बदलाव ने ईसाई मिशनरियों के कान खड़े कर दिये उन्होंने पाया कि जिन लोगों को उन्होंने धर्मांतरित करके ईसाई बना लिया वो भी स्वामी अयप्पा में आस्था रखते हैं और कई ने ईसाई धर्म को त्यागकर वापस सबरीमला मंदिर में ‘स्वामी’ के तौर पर दीक्षा ले ली। यही कारण है कि ये मंदिर ईसाई मिशनरियों की आंखों में लंबे समय से खटक रहा था।* *अमिताभ बच्चन, येशुदास जैसे कई बड़े लोगों ने भी स्वामी अयप्पा की दीक्षा ली है। इन सभी ने भी मंदिर में रहकर दो मुट्ठी चावल के साथ दीक्षा ली है। इस दौरान उन्होंने चप्पल पहनना मना होता था और उन्हें भी उन्हीं रास्तों से गुजरना होता था जहां उनके साथ कोई रिक्शेवाला, कोई जूते-चप्पल बनाने वाला स्वामी चल रहा होता था।* *नतीजा यह हुआ कि ईसाई संगठनों ने सबरीमला मंदिर के आसपास चर्च में भी मकर संक्रांति के दिन फर्जी तौर पर ‘चंद्र दर्शन’ कार्यक्रम आयोजित कराए जाने लगे। ईसाई धर्म के इस फर्जीवाड़े के बावजूद सबरीमला मंदिर की लोकप्रियता दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती रही थी।* *नतीजा यह हुआ कि उन्होंने मंदिर में 10 से 50 साल तक की महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को मुद्दा बनाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाल दी। यह याचिका कोर्ट में एक हिंदू नाम वाले कुछ ईसाइयों और एक मुसलमान की तरफ से डलवाई गई।* *1980 में सबरीमला मंदिर के बागीचे में ईसाई मिशनरियों ने रातों रात एक क्रॉस गाड़ दिया था। फिर उन्होंने इलाके में परचे बांट कर दावा किया कि यह 2000 साल पुराना सेंट थॉमस का क्रॉस है इसलिये यहां पर एक चर्च बनाया जाना चाहिये।* *उस वक्त आरएसएस के नेता जे शिशुपालन ने इस क्रॉस को हटाने के लिए आंदोलन छेड़ा था और वो इसमें सफल भी हुये थे। इस आंदोलन के बदले में राज्य सरकार ने उन्हें सरकारी नौकरी से निकाल दिया था।* *केरल में हिंदुओं पर सबसे बड़ा हमला* *केरल के हिंदुओं के लिए यह इतना बड़ा मसला इसलिये है*क्योंकि वो समझ रहे हैं कि इस पूरे विवाद की जड़ में नीयत क्या है। राज्य में हिंदू धर्म को बचाने का उनके लिये यह आखिरी मौका है।* *केरल में गैर-हिंदू आबादी तेज़ी के साथ बढ़ते हुए 35 फीसदी से भी अधिक हो चुकी है। अगर सबरीमला की पुरानी परंपराओं को तोड़ दिया गया तो ईसाई मिशनरियां प्रचार करेंगी कि भगवान अयप्पा में कोई शक्ति नहीं है और वो अब अशुद्ध हो चुके हैं। ऐसे में ‘चंद्र दर्शन’ कराने वाली उनकी नकली दुकानों में भीड़ बढ़ेगी। नतीजा धर्मांतरण के रूप में सामने आएगा।* *यह समझना बहुत मुश्किल नहीं है क्योंकि जिन तथाकथित महिला एक्टिविस्टों ने अब तक मंदिर में प्रवेश की कोशिश की है वो सभी ईसाई मिशनरियों की करीबी मानी जाती हैं। जबकि जिन हिंदू महिलाओं की बराबरी के नाम पर यह अभियान चलाया जा रहा है वो खुद ही उन्हें रोकने के लिये मंदिर के बाहर दीवार बनकर खड़ी हैं।*

सी. बी. आई. ओर राकेश अस्थाना का सच

देश की CBI में घमासान मचा है । ऊपर से देखने में लगता है कि सबसे बड़े दो अफसर लड़ रहे हैं । अंदर झांकने पे कहानी कुछ और है । क्या है असली लड़ाई ......... सरल आसान शब्दों में सुनिए , समझिए , Share कीजिये । • देश की बड़ी शीर्ष संस्थाओं में शीर्ष पदों की नियुक्तियां PM के हाथ में नही होती ....... एक panel जिसे आप कोलोजियम भी कह सकते हैं , वो मिल के चुनता है । उस panel में खुद PM , CJI बोले तो बड़के मी लौड़ ........ CVC बोले तो चीफ विजिलेंस कमिश्नर , LOOp बोले तो लीडर ऑफ Opposition मने नेता प्रतिपक्ष , और गृहमंत्री जैसे लोग होते हैं जो 3 या 5 लोगों में से किसी एक को चुनते हैं ........ CBI director के पद पे इस पैनल ने आलोक वर्मा को चुन लिया । अब ये आलोक वर्मा निकले धुर मोदी एवं सरकार विरोधी और कांग्रेस गांधी परिवार के पिट्ठू । • इस समस्या से निमटने के लिए मोदी सरकार अपने एक विश्वासपात्र अफसर को ले आई ........ इनका नाम राकेश अस्थाना ......... ये गुजरात काडर के IPS हैं , पहले अहमदाबाद , वडोदरा , सूरत जैसे नगरों के कमिश्नर रह चुके हैं । 2002 में इन्ने कुख्यात गोधरा कांड की सफलता पूर्वक जांच की , हिंदुओं को जला के मारने की सोची समझी well planned साजिश का पर्दा फाश किया , दोषियों को पकड़ा और सजा दिलाई ........ मोदी ने इनको CBI में स्पेशल director मने no 2 बना के बैठा दिया । • अब आलोक वर्मा चूंकि कांग्रेसी है तो वो लगा एक एक कर कांग्रेसियों की मदद करने । P Chidambram , विजय माल्या , Robert Vadra , लालू जादो परिवार सबको बचाने में लग गया ......... इन सबके खिलाफ जांच धीमी कर दी गयी या रोक दी गयी ........विजय माल्या का Lookout Notice इसी आलोक वर्मा की शह पे Dilute कर दिया गया और वो भाग गया , Aircell Maxis में दोषियों ( चिद्दू & family ) के खिलाफ चार्जशीट दाखिल न हुई । IRCTC घोटाले में लालू के खिलाफ जांच रोक दी गयी । • ऐसे में राकेश अस्थाना ने इन तमाम मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली और तेज़ी से काम करने लगे । • इस बीच आलोक वर्मा प्रशांत भूषण , अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा से मिल के राफेल सौदे के दातावेज गैरकानूनी तरीके से जुटाने की साजिश रचने लगे । • जैसे CBI ने दिल्ली में CM केजरीवाल के दफ्तर में छापा मार के उनके निजी सचिव को धर लिया उसी प्रकार CBI Director PMO में तैनात एक अधिकारी के दफ्तर में छापा मार मोदी जी को बदनाम करने का षड्यंत्र रचने लगा । • राकेश अस्थाना ने इस सारी साजिश का भंडाफोड़ कर सरकार को आगाह कर दिया । • आलोक वर्मा ने खुद राकेश अस्थाना पे ही रिश्वत का आरोप लगवा के उनके खिलाफ FIR करा दी और उनके एक डिप्टी को बाकायदे गिरफ्तार कर 7 दिन के रिमांड पे ले लिया । • राकेश अस्थाना ने एक कदम आगे पढ़ते हुए अपने Director आलोक वर्मा के खिलाफ ही रिश्वत और भ्रष्टाचार की शिकायत CVC को कर दी ......... • जब दोनों शीर्ष अधिकारी ही एक दूसरे पे गंभीर आरोप लगाने लगे तो सरकार हरकत में आयी और दोनों को जबरदस्ती छुट्टी पे भेज दिया , एक नए व्यक्ति नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बना दिया और रात में डेढ़ बजे चार्ज भी दिलवा दिया ........... • आलोक वर्मा गुट / गिरोह के कुल 18 CBI अफसरों का तबादला हुआ है जिसमे से कुछ को तो अंदामान और port blair ले जा के पटक दिया गया है .......... • राजनैतिक हलकों में इसे मोदी की एक और Surgical Strike माना जा रहा है । विपक्ष ( कांग्रेस समेत पूरी सेक्युलर लॉबी ) बुरी तरह बौखलाई हुई है ........... • आलोक वर्मा ने सभी विपक्षी नेताओं , गांधी परिवार , चिदंबरम और उसके बेटे , लालू और उसके बेटे , विजय माल्या ........ इन सबको बचाने का कुचक्र रचा हुआ था , विपक्ष भौचक है ........ उसे मोदी सरकार से ऐसी कड़ी कार्यवाही की उम्मीद न थी । • आलोक वर्मा अपनी खिलाफ हुई कार्यवाही के खिलाफ Supreme Court चले गए हैं । उधर सरकार ने स्पष्ट किया है की आलोक वर्मा और अस्थाना , दोनों को हटाया नही गया है बल्कि इनके खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की जांच पूरी होने तक छुट्टी पे भेजा गया है ......... • CVC ने पूरे मामले की जांच के लिए एक SIT बना दी है ।

अभिमन्यु ओर म्रत्यु का सच

यदि कोई आपसे पूछे कि #अभिमन्यु कैसे मारा गया तो संभवतः आपके पास दो जवाब होंगे... #पहला :- अभिमन्यु को कौरव सेना के दर्जनों महारथियों ने घेरकर मार दिया। #दूसरा :- अर्जुन से चक्रव्यूह तोड़ने की विद्या सुनते हुए सुभद्रा की नींद लग गई थी, जिससे अभिमन्यु माँ के गर्भ में चक्रव्यूह तोड़ने का हुनर नहीं सुन पाया और #चक्रव्यूह में फंसकर मारा गया... लेकिन इस सवाल का सही जवाब है... कौरवों की वो #रणनीति जिसके तहत अर्जुन को युद्धक्षेत्र से जानबूझकर इतनी दूर ले जाया गया कि वो चाहते हुए भी अपने बेटे को बचाने हेतु समय पर नहीं पहुंच सका... अगर अर्जुन... अभिमन्यु से दूर नहीं होता तो शायद कोई भी अभिमन्यु को मार नहीं पाता। फिलहाल #युद्धक्षेत्र सज चुका है। अभिमन्यु (नरेन्द्र मोदी) को घेरने की पूरी तैयारी हो चुकी है... #कौरवों के योद्धा (कॉग्रैस, सपा ,बसपा, ममता, लालु, वांमपंथी, पाकिस्तान) इकट्ठे हो रहे हैं। अब बस आखिरी रणनीति के तहत #अर्जुन को (तमाम हिन्दुओं को जातियों में तोड़ कर) रणक्षेत्र से दूर करने की कोशिश जारी है। अब ये आप पर निर्भर है कि आप अभिमन्यु को अकेला छोड़कर उसके मरने के बाद #पछताना चाहते है या उसके साथ खड़े रहकर उसे #विजयी होते देखना।

दीवाली पर एक छोटी अपील

*दीपावली पर एक छोटी सी अपील*:- कृपया पटाखे फोड़े क्यों की ये त्यौहार ही पटाखों का हैं मिडिया और पर्यावरण के रखवालो को पर्यावरण बचाने की याद सभी हिन्दू त्यौहारो पर ही आती है! जम के पटाखे छुड़ाइये, दिवाली है, कोई " नवाज़ शरीफ" का अंतिम संस्कार नही है जो मातम मनाएं, बाकि के 364 दिन है पर्यावरण के लिए... . *सभी ज्ञानचंद रायचंद. खामोश रहे। बम पटाखे का आनंद लीजिये। ..... और अगर कोई ज्ञानचंद ज्ञान दे तो सबसे पहले उस की कुडाई करें फिर बाद में पटाखे फोड़े ! जिसे प्रदुषण की बहुत चिंता है ..... वो सबसे पहले अपनी गाडी बेचे और साइकिल का इस्तेमाल करे ! *प्रश्न* :- "पटाखे" कितने प्रकार के होते है? उत्तर:- *पटाखे 2* प्रकार के होते है- 1- *अच्छे पटाखे* ! 2- *बुरे पटाखे*। *अच्छे पटाखे:-* वे पटाखे जो अंग्रेजी नववर्ष, क्रिसमस, ईद आदि त्योहारों तथा नेताओं की जीत और आगमन पर फोड़े जाते है, अच्छे पटाखे कहलाते हैं। इन पटाखों को फोड़ने से भाईचारा, सौहार्द और अमन-चैन बढ़ता है और पर्यावरण शुद्ध होता है तथा शांति का वातावरण निर्मित होता है। *बुरे पटाखे:-* ये पटाखे आमतौर पर दीपावली नामक त्यौहार पर चलाये जाते है, इनसे ध्वनि प्रदूषण के साथ अशांति बढ़ती है। साथ ही वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बढ़ जाता है। *हिन्दूओ ने सारी जिंदगी पटाखे ही फोड़े है* कभी *बम* भी फोड़ दिए होते, तो आज *मिलार्ड* की ...... फटती फैसला सुनाते समय.. *आप सभी से निवेदन है कि आप 10:00 बजे के बाद ही पटाखा फोडे*

नन्हीं सी जान और पानी का बोतल

एक बार मैं अपने काम के लिए घूमने गुजरात शहर में जा रहा था और मैं अपने समय के अनुसार अपनी ट्रेन के निर्धारित समय से प्लेटफार्म पर जा कर बैठ गया वहां पर मैं देख रहा था कि बहुत से छोटे बच्चे पानी की बोतल कचोरी या खाने के सामान जो है वह बेच रहे थे मुझे सब बच्चों को देखकर बहुत ही दुख हो रहा था कि आज पढ़ने वाली उम्र में यह बच्चे कमाने निकले हैं सिर्फ अपने घर परिवार का पालन पोषण करने के लिए आज उनके लिए इससे बड़ी दुख की और कोई बात नहीं हो सकती और आज यह बच्चे इतने होशियार भी नहीं है कि दूसरे को समझा सके या खुद किसी के ऊपर नहीं बन सके इतनी इन बच्चों में अभी तक समझ नहीं है और मैं बच्चों को देख रहा था स्टेशन पर आने जाने वाले हर एक बच्चे पर मेरी नजर थी और हर बच्चे जो काम कर रहे थे मेरे दिल को झकझोर रहे थे कि क्यों आज इस भारत देश में इस तरह की दुर्दशा हो रही है कि छोटे जो बच्चे हैं उनको दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी है और काम करना पड़ रहा है कुछ समय बाद मेरी ट्रेन आ गई थी और मैं ट्रेन के अंदर जाकर अपनी सीट के ऊपर बैठ गया लेकिन दिल के अंदर बार-बार वही आ रहा था कि क्यों यह बच्चे बाहर जाकर काम कर रहे हैं और कुछ देर बाद मुझे पानी की प्यास लगी तो मैंने एक बच्चे को आवाज दी और उसके मुझे ₹10 लेकर पानी का बोतल दिया और मेरे बगल में एक सीट पर भाई साहब बैठे थे वह बच्चे से यूं ही पूछ बैठे कि मुझे एक बोतल ले लो पानी का तो बच्चे ने बोला लाइए बाबू जी ₹10 दे दीजिए तो वह आदमी बच्चे के बोला अरे जा जा चल हट जो लूट रहे हो अमीर आदमी देखने शुरू हो गए ₹10 की बोतल आती है क्या हमारे गांव में तो ₹5 में मिलता रहे हो तो वह बच्चा उस आदमी से बोलता है कि जाइए अंकल जी जिस आदमी को अगर प्यास लगी हो तो वह पानी की कमी कीमत नहीं लगा था और जिस इंसान को प्यास नहीं लगी हो वह एक छोटे बच्चे का मजाक उड़ाने के हिसाब से सिर्फ भावनाओं करता है यह सुनकर मुझे उस बच्चे को बहुत प्यार आया मैंने उस बच्चे के सिर पर हाथ फेरा और मैंने उस बच्चे को बोला जा बेटा एक दिन बहुत आगे जाएगा और आगे जाकर वह बच्चा एक बहुत ही बड़े बिजनेस का मालिक बन गया था

प्रधानमंत्री देश की गरिमा

सभी कांग्रेस बन जाओ ध्यान से पढ़िए आदरणीय प्रधानमंत्री को चोर कहने वाले बेवकूफ गधे देश के गद्दार अखिल के अंदर अंदर बुद्धिहीन गंदी सोच रखने वाले जाहिल लोग होते हैं आप सब तो काफी समझदार थे शायद आपकी अक्ल को लकवा मार गया है इसलिए प्रधानमंत्री जी को चोर जैसे गंदे शब्द से संबोधित कर रहे हो अच्छा बताइए आपका क्या चुरा लिया ऐसा क्या चुरा लिया उसके सगे भाई बहन छोटी मोटी आदमी का से परिवार का पोषण कर रहे हैं एक भी घोटाला नहीं हुआ प्रोफाइल में अभी सिर्फ सौदा हुआ है एक पैसे का पेमेंट भी भारत सरकार से नहीं हुआ इस भ्रष्टाचार की बात की जा रही है राहुल गांधी अल्प बुद्धि के कारण विदेशी दबाव में इस सौदे की तकनीकी जानकारी सार्वजनिक करवाना चाहती है सुरक्षा कारणों से यह जानकारी नहीं दी जा सकती है उन्हें देश की भलाई की कोई चिंता नहीं है इस देव तुल्य करवट निष्कलंक दूरदृष्टि अतुल्य चरित्रवान ओजस्वी वक्ता करते गणित और देश के लिए समर्पित विराट व्यक्तित्व के धनी के लिए ऐसे गिरे हुए शब्द का इस्तेमाल करने की दृष्टि से आप लोगों ने कैसे की क्या आपके पास कोई प्रमाण है क्या आप भी आंख पर पट्टी बांधकर अपनी बुद्धिमानी से अलग होकर कुछ विकृत मानसिकता के लोगों का अनुसंधान करण का ध्यान रखिए देश को लंबे समय के बाद एक देश के हित में कार्य करने वाला निष्ठावान प्रधानमंत्री मिला है देश को मजबूत करने दीजिए सभी व्यापारियों लुटेरों और पूरे देश को जाती पाती में बांटने वाले का राम करो से दूर रहिए जय हिंद जय भारत

शनि देव को प्रणाम और नमस्कार कैसे करें

कुछ लोग शनिदेव के समक्ष खड़े होकर दोनों हाथों से प्रणाम करते हुए अनजाने में प्रार्थना करते हैं कि यह शनिदेव आप अपनी कृपा दृष्टि हम पर बनाए रखना ऐसा बोल कर भी नहीं करना चाहिए क्योंकि सनी देओल की वक्र दृष्टि जिस पर पड़ जाती है उसका तो अनर्थ हो जाता है शनिदेव तो स्वयं ही अपने दोस्त छुपा कर रखते हैं शनि मंदिर में सूर्य देव को दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करने की जगह अपने दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार शनि देव को दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार या प्रणाम करने की जगह अपना सिर और धड़ शनिदेव के आगे झुकाते हुए दोनों हाथ कमर के पीछे ले जाकर उनको बांधकर नमन करना चाहिए दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करने का अर्थ है या तो आप किसी का स्वागत करें अथवा उसको अपने यहां से विदा कर रहे हैं इसलिए शनि देव को दूर नहीं करना चाहिए शनि देव को किस मंत्र से प्रणाम करना चाहिए नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम छाया मार्तंड शंभू तम तम नमामि शमीशान

Sunday 28 October 2018

पहनावा : संस्कृति और पहचान

पहनावा और हमारी पहचान...! तन्वी को सब्जी मंडी जाना था। उसने जूट का बैग लिया और सड़क के किनारे-किनारे सब्जी मंडी की ओर चल दी। तभी पीछे से एक ऑटो वाले ने आवाज़ दी - ''कहाँ जायेंगी माता जी ?'' तन्वी ने ''नहीं भैय्या'' कहा, तो ऑटो वाला आगे निकल गया। अगले दिन तन्वी अपनी बिटिया मानवी को स्कूल बस में बैठाकर घर लौट रही थी, तभी पीछे से एक ऑटो वाले ने आवाज़ दी - ''बहन जी मोहपुरी ही जाना है क्या ?'' तन्वी ने मना कर दिया। पास से गुजरते उस ऑटो वाले को देख कर तन्वी पहचान गयी, कि ये कल वाला ही ऑटो वाला था। आज तन्वी को अपनी सहेली के घर जाना था। वह सड़क किनारे खड़ी होकर ऑटो का इंतजार करने लगी। तभी एक ऑटो आकर रुकी - ''कहाँ चलेंगी मैडम ?'' तन्वी ने देखा, ये वो ही ऑटोवाला है, जो कई बार इधर से गुजरते हुए, उससे पूछता रहता है, चलने के लिए। तन्वी बोली - मधुबन कॉलोनी है ना सिविल लाइन्स में वहीँ जाना है, चलोगे ? ऑटोवाला मुस्कुराते हुए बोला - चलेंगें क्यों नहीं मैडम ? आ जाइये। ऑटो वाले के ये कहते ही तन्वी ऑटो में बैठ गयी। ऑटो स्टार्ट होते ही तन्वी अपनी जिज्ञासा वश उस ऑटोवाले से पूछ ही बैठी - भैय्या एक बात बतायेंगें ? दो-तीन दिन पहले आप मुझे माता जी कह कर चलने के लिए पूछ रहे थे, कल बहन जी और आज मैडम ! ऐसा क्यूँ ? ऑटोवाला हँसते हुए बोला - सच बताऊँ। आप जो भी समझेँ, पर किसी का भी पहनावा, हमारी सोच पर असर डालता है -- ● आप दो-तीन दिन पहले साड़ी में थी, तो एका-एक मन में आदर के भाव जगे, क्योंकि मेरी माँ हमेशा साड़ी ही पहनती है। इसीलिए मुंह से खुद ही ''माता जी'' निकल गया। ● कल आप सलवार-कुर्ते में थीँ, जो मेरी बहन भी पहनती है। इसीलिए आपके प्रति स्नेह का भाव जगा और मैंने ''बहन जी'' कह कर आपको आवाज़ दे दी। ● आज आप जींस-टॉप में हैं, और इन कपड़ोँ मेँ कम से कम माँ या बहन के भाव तो नहीँ जागते, इसीलिए मैंने आपको "मैडम" कह कर बुलाया..! सीख -- संस्कार हित मे पहनावा पर विशेष ध्यान देवें।

Saturday 27 October 2018

हिन्दू धर्म क्या मजाक है 5

करवा चौथ आने वाली हैं !! आजकल.. एक बड़ा खतरनाक प्रचलन चला है हिन्दुओं में.., वह यह कि.. जैसे ही कोई हिन्दू त्यौहार आने वाला होता है, हम हिन्दू खुद ही.. उस त्यौहार को ऐसे पेश करते हैं जैसे वो.. उनके ऊपर बोझ है उनका भद्दा मजाक.. फेसबुक और व्हाट्सएप पर बनाते हैं , और अपने ही त्यौहारों की.. पवित्रता गम्भीरता.. खत्म कर देते हैं !! देखिए क्या लिखा है,, ~ आदरणीय पति देव ! आपको सूचित किया जाता है कि आपके लम्बी आयु की वैलिडिटी खत्म होने वाली है और रिचार्ज की तिथि आ गयी है..! पत्नी के त्याग का मजाक बनाकर.. पत्नी को लालची और.. रिशवतखोर बताने लगते हैं ! हिन्दू धर्म की विडंबना देखिए :- जन्माष्टमी आयी तो श्री कृष्ण को टपोरी तडीपार और ना जाने क्या-क्या कहा! गणेश जी आये तो उनका भी मज़ाक़ बनाया! नवरात्रि आयी तो ये चुटकुला आया "नौ दिन दुर्गा-दुर्गा फिर मुर्गा-मुर्गा..." विजयादशमी पर श्री राम-माता सीता और रावण पर चुटकुले चले! अब दिवाली पर भी कुछ ना कुछ.. आ जायेगा! कभी सोचा है कि वास्तव में कौन है जो.. ये सब पोस्ट कर रहा है??? ये कभी किसी ने भी जानने की कोशिश नहीं की..! बस अपने मोबाइल पर आया तो बिना सोचे समझे फॉरवर्ड करने की वही.. भेड़ चाल चालू..!! एक हमारा मीडिया.. पहले ही हिन्दू त्यौहारों के पीछे पड़ा है- होली पर पानी बर्बाद होता है लेकिन.. ईद पर जानवरों की क़ुरबानी धर्म है! दिवाली पर पटाके छोड़ना प्रदूषण है पर ईसाई नव वर्ष पर आतिशबाजी जश्न है! नवरात्री पर 10 बजे के बाद गरबा ध्वनि प्रदूषण हो जाती है, वहीं मोहरम की रात ढोल ताशे कूटना और नववर्ष की रात जानवरों की तरह 12 बजे तक बाजे बजाना धर्म है!!! करवा चौथ और नाग पंचमी पाखंड है वहीं ईसा का मरकर पुनः लौटना गुड फ्राइडे वैज्ञानिक है!! हिन्दुओं को यह लगता है कि अपने पर्व का मज़ाक़ बनाना सही है तो.. इससे बड़ी लानत क्या होगी?? इस तरह के मैसेज बनाने वाले.. हिन्दू विरोधी तत्व.. जानते हैं कि.. हम हिन्दू.. अपने धर्म को लेके सजग नहीं हैं और.. एडवांस्ड दिखने के चक्कर में.. कुछ भी फॉरवर्ड कर देंगे.. तभी ये ऐसे मैसेज बनाकर सर्कुलेट करते हैं!! किसी और.. धर्म के लोगों को.. उनके धर्म के जोक्स पढ़ते या फॉरवर्ड करते देखा है क्या ? उनको तो छोड़ो, आप भी उनके धर्म के जोक्स फॉरवर्ड करने से पहले 10 बार सोचते हो कि.. ये मैसेज आगे भेजूँ या नहीं?? तो हिन्दू धर्म का मज़ाक़ उड़ाते शर्म नहीं आती..?? मेरा करबद्ध निवेदन है 🙏 कि.. *अपने हाथों से अपने धर्म का अपमान ना करें..!!* कृपया अपने सभी मित्रो को.. अपने ही धर्म का.. मज़ाक ना उडाने की सलाह दें || 🙏 प्रभु श्री कृष्ण नें कहा था ~ "यदि आप धर्म की रक्षा करोगे तो.. धर्म भी आपकी रक्षा करेगा || *जय श्री राम * *🚩 जय श्री राम 🙏🚩* आप सभी मित्रों से निवेदन है कि इस पर ध्यान केन्द्रित करे ओर हिंदु धर्म का मजाक न बनाए ओर न बनाने दे

Friday 26 October 2018

कानून - अम्बेडकर औऱ सरदार

संविधान का निर्माण चल रहा था।। सरदार पटेल भी संविधान निर्माताओं की लिस्ट में शामिल थे। अम्बेडकर ने आरक्षण की मांग का तुर्रा छोड़ दिया। सरदार पटेल-- आरक्षण गलत है हटाओ इसे । अम्बेडकर -"नहीं,ये मेरी कौम के लोगों के लिए है।" सरदार---'कौन सी तुम्हारी कौम? हम सब भारतीय हैं, आज़ादी के बाद आज देश का हर वर्ग भूखा नंगा है...इसलिए किसी वर्ग विशेष को ये सुविधा देना गलत है...।" अम्बेडकर ( लगभग चीखते हुए) --"मैं आरक्षण देना चाहता हूँ,अगर मुझे रोका गया तो मैं कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दूंगा।" सरदार --- "देखो भीमराव, तुम वो नहीं देख पा रहे जो मैं देख पा रहा हूँ। स्वार्थ की राजनीति ने तुम्हारी आँखों में पट्टी बाँध दी है। अगर आज किसी जाति विशेष को आरक्षण दिया गया तो भविष्य के भारत में रोज एक नई जाति आरक्षण मांगेगी और देश की अखंडता पर खतरा उत्पन्न होगा....जो दलित और गरीब है उनके लिए हम दूसरे हर तरह के उपाय करने को तैयार हैं..जैसे मुफ़्त शिक्षा, मुफ़्त स्कूल, उनके लिए सस्ते घर, रोजगार इत्यादि.... हम उन्हें इतना काबिल बनाये ताकि वो खुद के दम पर आगे बढ़ सके ... न कि आरक्षण की बैशाखी से ..तुम किसी अयोग्य को सत्ता पर बैठाकर देश को बर्बाद क्यों करना चाहते हो?" अम्बेडकर (चीखते हुए)- "आरक्षण होकर रहेगा.....!" ये सुनकर लौह पुरुष सरदार पटेल,जो कभी किसी के आगे नहीं झुकते थे मजबूरी में उन्हें अम्बेडकर के कमरे से बाहर आना पड़ा और नेहरू से उन्होंने कहा था कि "ये आपने किस बीमार मानसिकता वाले व्यक्ति को ड्राफ्टिंग कमिटी का अध्यक्ष बना दिया, ये तो मानसिक उन्मादी प्रतीत होता है। इसमें दूरदर्शिता की भारी कमी है और अंग्रेज़ियत मानसिकता की गन्दगी भरी है। अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो कब का इसे इसके पद से हटा चुका होता। ये व्यक्ति भारत का दुर्भाग्य साबित होगा। तन से ज्यादा इसका मन काला है। हम हर गरीब दलित के हक़ की बात करने को तैयार है लेकिन इसका अर्थ ये तो नहीं की भूखे मर रहे सवर्णों की क़ुरबानी दे दी जाये?" ये सुनकर नेहरू मौन थे...उनके पास कोई जवाब न था... सरदार पटेल की मृत्यु हो चुकी थी । भारत का नया संविधान बन कर तैयार था जानकार कहते हैं कि अगर सरदार ज़िंदा होते तो भारत का वो संविधान जो अम्बेडकर ने पेश किया था, लागू न हो पाता । क्योंकि हमारा संविधान देश को बर्बाद करने वाले एक कीटाणु की तरह हे। आज की परस्थितियों को देखें तो यह बात बिलकुल सही साबित होती दिख रही है। कम योग्यता वाले व्यक्ति समाज के उच्च पदों पर बैठे हैं। आरक्षण की वजह से जो चपरासी की योग्यता वाले है वह डॉक्टर, जज, इंजिनियर जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे है जिससे देश को कोई लाभ नहीं बल्कि नुकसान हो रहा हे। अगर इसे तत्काल नहीं रोका गया तो देश को इतना नुकसान होगा कि उसको पूरा नहीं किया जा सकता । जिन्हें भी इस मैसेज में सच्चाई समझ में आए और लगे कि इस विषय में कुछ होना चाहिए वह इस मैसेज को और लोगों तक भेजे और इसे एक मुहिम बनाये। भारत माता की जय। आरक्षण हटाओ देश बचाओ । सभी जनरल कास्ट से निवेदन है कि इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे

महेंदी : - एक लव जिहाद

क्या आपने कभी इस पर ध्यान दिया है नहीं ना तो आगे से ध्यान दीजिए देखिए आपके आसपास तो यह ऐसा घटित नहीं हो रहा...??? शहरों में जगह जगह हाई प्रोफाइल localities में कम उम्र, वयस्क युवतियां और महिलाएं आपको मेहंदी लगवाती दिख जाएंगी ! करवाचौथ और त्यौहारी सीजन में तो इतनी भीड़ हो जाती है कि मेहंदी लगाने वाले लड़के मुँह मांगे पैसे वसूल करते हैं ! आज ही मैंने देखा कि *4 लड़के 4 लड़कियों के हाथों में मेहंदी लगा रहे थे और काफी स्मार्ट और मेन्टेन लग रहे थे !* मेरी समझ में ये नहीं आया कि क्या उन स्मार्ट पड़ी लिखी लड़कियों को ये नही दिखता कि गली गली यूँ मेहँदी लगाने वालों के पास इतना सजने सवरने के लिए समय और पैसा कहाँ से आता होगा । या *इनके पास पैसा है तो ये छोटा सा काम क्यों कर रहे हैं ।??* 4 लड़के मेहँदी लगा रहे थे मैं इस तरह वहाँ खड़ा हो गया कि वो लड़के मुझे किसी युवती का भाई या कोई रिश्तेदार समझें ! एक युवक ने मेहंदी लगाने के बाद युवती से कहा कि *"आपका हाथ गज़ब लग रहा है मैडम ", युवती शर्मा गई और युवक ने आँखों-आँखों में मुस्कान फेंकी ! और कुछ न कुछ ऐसे बोलना कि वो नव यौवनाएं उनसे प्रभावित हों।* फिर युवती गदगद मन से 200 रु देकर मेहंदी लगा हाथ सँभालते हुए रवाना हो गई ! *शहरी क्षेत्र में अनेक इंजीनियरिंग और एमबीए की स्टूडेंट्स पीजी के रूप में रहती हैं,* मेरे समझ के बाहर की बात है कि अपने शहर से दूर पढ़ने के लिए आई युवती को मेहंदी और सौंदर्य प्रसाधनों की आवश्यकता क्यों है ? *बहरहाल मैंने चारों लड़कों से उनके नाम पूछे ।* लड़के हिचकिचाये, कुछ और नाम बताये, मैंने कहा कि ID दिखाओ, ID में लड़कों के नाम, चारों नाम गौर से पढ़िए :- *1.रुसलान 2.अल्तमष 3.मुज़म्मिल 4.वहीद !* साथियों, हमारी बेटियों बहनो का हाथ पकड मेहंदी लगाते यह शातिर शिकारी लोग इन भोली-भाली बच्चियों को किधर मोड़ ले जाएं, कुछ मालूम नहीं !! मेरे समझ के बाहर का विषय है कि अब घर में माँ बहन और बेटी एक दूसरे के हाथ में मेहंदी क्यों नहीं लगा सकती ? बाहर जाकर मेंहदी लगवाना कौनसा फैशन है ? कहीं यह लव जिहाद का कोई नया एंगल तो नही Pls share

Wednesday 24 October 2018

मोदी - एक नया कारनामा जरूर पढ़ें

उन्होंने सोचा भी ना था मोदी जी - CBI में उनका खेल ऐसे ख़तम करेंगे - कांग्रेस को मजबूर करेंगे अपने को बेनकाब करने के लिए - कल आधी रात को मोदी जी के CBI के सफाई अभियान ने कांग्रेस और पूरे विपक्ष के गुर्दे लाल कर दिए --CBI प्रमुख अलोक वर्मा, स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और अतिरिक्त डायरेक्टर ए के शर्मा को छुट्टी पर भेज दिया और 13 अधिकारी ट्रांसफर कर दिए -- राहुल गाँधी और उसके चमचे और दल्ला प्रशांत भूषण दहाड़ें मार रहे हैं कि रफाल जांच से बचने के लिए वर्मा को हटाया गया है --सुरजेवाला कह रहा है CBI पर मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक की है --और प्रशांत भूषण कह रहा है अलोक वर्मा भ्रष्ट अस्थाना के खिलाफ जांच कर रहा था इसलिए हटाया गया --अलोक वर्मा केंद्र के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है जिसकी सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी -अभी से अस्थाना को "भ्रष्ट" कैसे कह दिया भूषण ने जबकि कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ -- इस घटनाक्रम से कुछ बातें साफ़ हो रही हैं जो संक्षिप्त में लिख रहा हूँ -- ---राकेश अस्थाना ने CVC को अलोक वर्मा के खिलाफ मोईन कुरैशी से 2 करोड़ की रिश्वत लेने की शिकायत की थी जिसकी जांच चल रही है ऐसा आज बताया गया है -- --उसके पहले ही अलोक वर्मा ने अस्थाना के खिलाफ उसी मामले में यानि 2 करोड़ की रिश्वत कुरैशी से लेने के लिए FIR दर्ज कर दी मगर अस्थाना की हाई कोर्ट में अर्जी पर कोर्ट ने यथा स्तिथि बनाये रखने के लिए कहा -- --CBI ने FIR में बदलाव के लिए एक दिन का समय माँगा --इसका मतलब है CBI का केस पुख्ता नहीं था वरना बदलाव की क्या जरूरत होती --यानि FIR गई गंगा पानी में हुकूमत बदलने के बाद -- --ऐसा प्रतीत होता है अलोक वर्मा के खिलाफ CVC की जांच का नतीजा आने को था जिसकी वजह से वर्मा ने उसके पहले ही FIR दर्ज कर दी यानि आफत आने से पहले ही हमला कर दिया -- --सरकार ने उपरोक्त तीनों खलीफाओं को छुट्टी पर भेज दिया वो भी कुछ समय के लिए CVC के अनुमोदन पर -- --मगर वर्मा कुछ ज्यादा ही परेशान हो गया जो सरकार की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी --इसका मतलब साफ़ है वर्मा विपक्ष के जिस एजेंडे पर काम कर रहा था वो खटाई में पड़ गया --विपक्ष और कांग्रेस खुद को बेनकाब कर रहा है और साबित कर रहा है वर्मा उनका आदमी है -- --वर्मा को प्रशांत भूषण, अरुन शौरी और यशवंत सिन्हा रफाल मामले की जांच करने के लिए 150 पेज की शिकायत दे कर आये थे --जिस तरह भूषण, राहुल गाँधी और उसके लोग फड़फड़ा रहे हैं उससे लगता है वर्मा ने इन लोगों को आश्वस्त कर दिया था कि वो रफाल की जांच शुरू कर देगा -- --इसीलिए ये चीख रहे हैं कि रफाल की जांच करने वाले थे वर्मा इसलिए उन्हें हटा दिया --ये सब वर्मा के के साथ मिल कर मोदी खिलाफ साजिश कर रहे थे मगर मोदी ने हंटर चला दिया -- --प्रशांत भूषण वो शख्स है जिसने वर्मा के डायरेक्टर बनने से पहले अदालत शोर मचाया था कि ये मोदी का आदमी है इसे डायरेक्टर ना बनाया जाये - आज ये ही आदमी उसके हटने पर विधवा विलाप कर रहा है --कितने करोड़ की रिश्वत दी होगी प्रशांत भूषण गिरोह ने वर्मा को रफाल पर जांच शुरू करने के लिए, वो सारी रकम डूब गई -- --ये प्रशांत भूषण वो ही आदमी है जिसने डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से जांच के आदेश कराये थे --अब लगता है इसी वो जांच बंद करा दी है --कितना पैसा खाया होगा, ये ही जानता है -- --कल कांग्रेस के PIDI पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगते थे और आज कह रहे हैं सर्जिकल स्ट्राइक हो गई CBI पर --मतलब आज मानते हैं मोदी सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है -- कांग्रेस ने ये खेल तो खेला है मगर इसका परिणाम उसके लिए ज्यादा परेशान करने वाला होगा --अभी देखते जाइये आगे आगे क्या होता है

राम मंदिर - सुप्रीम कोर्ट का आदेश

जय श्री राम सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के साथ ही राम मंदिर निर्माण की तैयारी शुरू, अयोध्या में पहुंचने लगी है सामग्री! लगता है सालों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने की प्रतीक्षा अब खत्म होने वाली है। वैसे तो अयोध्या राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 29 अक्टूबर को निर्धारित है, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सामग्री पहुंचनी शुरू हो गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की माने तो विश्व हिंदू परिषद ने सुनवाई से पहले ही अयोध्या के लिए पत्थरों से भरे 70 ट्रकों को वहां पहुंचने का आदेश दे दिया है। इतना ही नहीं अयोध्या में राम भक्तों के साथ ही आगंतुकों का आना भी शूरु हो गया है। इससे लगने लगा है कि अब वहां भव्य राम मंदिर बनकर ही रहेगा। वैसे भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना कोई भी वादा अधूरा छोड़कर 2019 के लोकसभा में नहीं जाना चाहते। हो न हो यह मोदी सरकार की अंदरुनी जीत का संकेत हो। जिस प्रकार से हाल के दिनों में मुसलिम नेताओं के सुर बदले हैं इससे लगता है कि मोदी उन्हें मंदिर बनने पर राजी कर चुके हैं। * सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई से पहले अयोध्या पहुंचने लगे पत्थरों से भरे ट्रक * अयोध्या में भक्तों तथा उत्साहित यात्रियों के आने से राम मंदिर निर्माण के लिए हलचल शुरू हो गई है गौर हो कि अयोध्या राम मंदिर विवाद सालों से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इलाहाबाद कोर्ट से जीत मिलने के बाद भी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो सका। अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। लेकिन केंद्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने से देश के हिंदुओं की उम्मीद आसमान पर है कि यह सरकार किसी प्रकार अयोध्या में मंदिर बनबाएगी। अब वीएचपी ने राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। वीएचपी के आदेश पर पत्थर से भरे 70 ट्रक अयोध्या के लिए रवाना कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं वीएचपी ने मंदिर में लगने वाले खंबे की निकाशी के लिए भी अतिरिक्त कलाकारों को लगाया है ताकि यह काम जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। वीएचपी संगठन से जुड़े नेताओं ने दावा किया है कि पत्थरों से भरे ट्रक अब जल्द ही अयोध्या पहुंचेंगे ताकि खंबे बनाने का काम पूरा हो सके। विश्व हिंदू परिषद ने तो अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर का एक प्रारूप (मॉडल) भी तैयार कर लिया है। यह प्रारूप अभी से अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। वीएचपी का कहना है कि अब हम अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटने वाले हैं, क्योंकि यह सच्चाई की विजय के लिए लड़ाई है। हमलोग सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अयोध्या में हलचल बढ़ने की तस्दीक वहां बढ़े पुलिस बंदोबस्त से भी हो रही है। उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अयोध्या में भारी पुलिस बल की मौजूदगी सुनिश्चित कर दी है तथा रामजन्मभूमि को जाने वाले सारे रास्ते आम लोगों के लिए बंद कर दिए गए हैं। इन सब संकेतों से साफ हो जाता है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने के लिए हलचल तेज हो गई

हिन्दू एकता में शक्ति : कैसे ???

[24/10, 12:07 pm] ‪+91 95409 23823‬: कम्युनिस्टों ने अपनी कब्र खोद ली है #सबरीमाला मंदिर मे औरतों के प्रवेश की याचिका डालकर, अब हिंदू एकजुट हो रहे हैं हिन्दू एकता मे ही शक्ति है जिसे देख कर #वामी_कांगी_सेक्युलरो की फटती है अब तो कम्युनिस्ट पार्टी के नेता भी हिन्दुओ की एकता देखकर हिन्दुओ के समर्थन मे आकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे है।बहुत ही सुखद आनन्द का अनुभव प्रतीत हो रहा है यह देखकर केरल में हिन्दू अब 54.7% है, पर 54.7% हिन्दू भी एकजुट हो तो दुनिया उसके कदमो में आ सकती है। केरल का कट्टरपंथी इसाई विधायक PC George अब मंदिर के नियमो की रक्षा का ऐलान कर रहा है इसका कारण है हिन्दू एकता। पीसी जोर्ज हिन्दुओ की एकता को देखते हुए मंदिर की रक्षा में उतरा है, वामपंथियों को उम्मीद थी कि हिंदुओ को तो आदत है जलील होने की, हिन्दुओ को ऐसे ही दबायेंगे । सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ खुद लाखों हिन्दू महिलाएं सड़कों पर है, केरल में पहली बार हिन्दू अपने धर्म और मंदिर के लिए इतनी बड़ी संख्या में सड़कों पर आया है, और हिन्दुओ की एकजुटता को देखते हुए इसाई विधायक PC George भी मंदिर के नियमो की रक्षा का प्रण ले रहा है। पीसी जोर्ज ने तो यहाँ तक कहा की – सुप्रीम कोर्ट का सबरीमाला मंदिर पर चाहे कोई भी फैसला हो, मैं 1 भी महिला को सबरीमाला मंदिर की तरफ जाने ही नहीं दूंगा, पीसी जोर्ज ने कहा की – मंदिर की तरफ दो तिहाई लोग मेरे ही विधानसभा इलाके से होकर जाते है, मैं 1 भी महिला को मंदिर की तरफ जाने ही नहीं दूंगा, मंदिर के नियमो की रक्षा करूँगा, सुप्रीम कोर्ट को जो कहना है करना है करने दो। हिन्दुओ के लिए ये सीख है, आप एकजुट हुए तो सब आपको सम्मान देंगे, बिखरे रहे तो सिर्फ अपमान ही अपमान मिलेगा, एकजुट होना मुश्किल नहीं है, बस किसी जाति से ऊपर होकर हिन्दू हो जाइए, PC George जैसे कट्टरपंथी आपको सम्मान देने में लग जायेंगे । वाह दिल खुश हो गया हिन्दुओं की एकता देखकर अगर यही एकता पूरे हिन्दुस्तान मे हो जाय तो हिन्दू पूरे हिन्दुस्तान पर राज करेगा कोई पैदा नही हुआ जो हिन्दुओ का एक बाल उखाड़ सके,.... ...........दोस्तों लिखना तो बहुत कुछ चाहता हूँ.. ..........पर समझदारो के लिए इतना काफी है #जय_श्री_राम_जय_सबरीमाला 🚩🚩🚩🚩🚩🚩

Tuesday 23 October 2018

बुद्धि:- भारत, पाकिस्तान,अमेरिका

एक बार मैं बहुत बड़े मेले के अंदर गया था तो वहां पर मैं घुमा फिरा मैंने झूला भी खाया कचोरी भी खाई बहुत सारा आनंद लिया थोड़ी दूर गया तो एक दुकान के ऊपर बहुत सारी भीड़ लगी हुई थी मैं 20 ग्रेड वाली जगह पर गया और जाकर देखा तो वहां पर एक दुकान लगी हुई थी और उस दुकान के अंदर बुद्धि बेच रहे थे बुद्धि बेच रहे थे मतलब भारत की बुद्धि पाकिस्तान की बुद्धि अब मैं उस दुकान पर देखते देखते आश्चर्यचकित हो गया क्योंकि भारत में रहकर भी भारत की बुद्धि ₹500 किलो और बाकी देशों की बुद्धि 1000 2000 3000 ₹5000 किलो मेरे दिल के अंदर एक घुटन सी होने लगी कि हमारी जो बुद्धि की कीमत है वह इतनी कम क्यों और हमारे जो पड़ोसी देश है या हमारे जो दुश्मन देश है उनके बुद्धि की रेट कितनी ज्यादा क्यों तब मैं उस दुकान वाले से दुखी स्वर में पूछा गया रे भैया अब भारत में रहकर भारत की चीजों का कितना दाम कम लगा रहे हो और बाकी के जो देश है उसके तुम गांव इतना ज्यादा लगा रहे हो धिक्कार है तुम्हें तुम्हारी जिंदगी भर तक दुकान वाले ने मुझसे कहा कि भैया झगड़ा या गुस्सा करके मुझसे बात कर सकते हो लेकिन क्या बाकी देशों की तरह तुम अपने देश में भीतर खिला सकते हो क्या बाकी देशों में जिस तरह के रूल्स रूल्स तुम या पिला सकते हो अरे जिस तरह से बाकी देशों में एकता है क्या वह एकता तुम भारत देश में ला सकते हो बाकी देशों में बहुत बड़ा अपराध करने के बाद बहुत बड़ी सजा देते हैं क्या वह सजा तुम भारत देश में दिला पाओगे अरे हम लोग बहुत बड़ी बड़ी बातें कर सकते हैं लेकिन भारत के लिए कुछ नहीं करते हैं सबसे पहले गलती हमारी है और उसके जिम्मेदार भी हम खुद है Jab Main Hoon Aadmi Ki Baatein Sunni Tu Mere Dil Nu uski Baaton Ko Jab Chor Diya aur mujhe samajh mein aa gaya ki Kahi na Kahi Aaj Hum Khud Hi galat hai Jai Hind Jai Bharat

बुद्धा rocked छोरे shocked

एक वृद्ध ट्रेन में सफर कर रहा था रहा था, संयोग से वह कोच खाली था। तभी 8-10 लड़के उस कोच में आये और बैठ कर मस्ती करने लगे एक नए कहा चलो जंजीर खीचते है दूसरे ने कहा यहां लिखा है 500रु जुर्माना ओर 6माह की कैद तीसरे ने कहा इतने लोग है चंदा कर के 500रु जमा कर देंगे चन्दा इकट्ठा किया गया तो 500 की जगह 1200 रु जमा हो गए चंदा पहले लड़के के जेब मे रख दिया गया तीसरे ने बोला जंजीर खीचते है अगर कोई पूछता है, तो कह देंगे बूढ़े ने खीचा है। पैसे भी नही देने पड़ेंगे तब। बूढ़े ने हाथ जोड़ के कहा बच्चो मैने तुम्हारे क्या बिगड़ा है मुझे क्यो फंसा रहे हो लेकिन किसी दया नही आई। जंजीर खीची गई टी टी ई आया सिपाही के साथ, लड़कों ने एक स्वर से कहा बूढे ने जंजीर खीची है। टी टी बूढ़े से बोला शर्म नही आती इस उम्र ऐसी हरकत करते हुए, बूढ़े ने हाथ जोड़ कर कहा साहब मैंने जंजीर खींची है, लेकिन मेरी बहुत मजबूरी थी । उसने पूछा क्या मजबूरी थी.? बूढ़े ने कहा मेरे पास केवल 1200रु थे जिसे इन लड़को ने छीन लिए और इस लड़के ने अपनी जेब मे रखा है । अब टीटी ने सिपाही से कहा इसकी तलाशी लो लड़के के जेब से 1200रु बरामद हुए जिनको वृद्ध को वापस कर दिया गया और लड़कों को अगले स्टेशन में पुलिस के हवाले कर दिया गया । ले जाते समय लड़के ने वृद्ध की ओर देखा ,वृद्ध ने सफेद दाढ़ी में हाथ फेरते हुए कहा ..... *बेटा ये बाल यूँ ही सफेद नही हुए है*

क्या है नेटवर्किंग बिज़नेस

Network Marketing आने वाले time का business है. आपको शायद सुनने में अजीब लगे but ये हक़ीक़त बहुत जल्दी आप लोगों के सामने आने वाली है। ये बात मैं हवा में नहीं कह रहा हूँ। इस बात में 100% सच्चाई है। Network Marketing पूरी दुनिया में बहुत तेज़ी से grow कर रही है। और जब तक दुनिया में लोग रहेंगे तब तक ये business चलता रहेगा। क`क्योकि लोगों से ही यह business चलता हैं। कोई इस business को फ़साने वाला बिज़नेस कहता है, कोई इसे बेवकूफ बनाने वाला काम कहता है, कुछ इसे फालतू लोगों का काम समझते हैं और कोई इसे time waste मानता है। इसमें मैं किसी को दोष भी नहीं देता। इसका simple सा reason है अभी Network Marketing की proper knowledge लोगों तक नहीं पहुँच पायी है। दुनिया में कुछ काम ऐसे भी होते हैं जो लोगों को आसानी से समझ नहीं आते। for example “आज हम लोग पुरे दिन में ना जाने कितनी बार Facebook पे chatting करते हैं। और उसके हम से कोई पैसे भी नहीं लिए जाते, फिर भी कमाई के मामले में Facebook का नाम top 10 websites में आता है।” कई लोगों ये बात समझ भी नहीं आती होगी कि Facebook कमाई भी करता होगा या अगर किसी को पता भी होगा तो उसका reason ही नहीं पता होगा कि income कैसे और कहाँ से होता है। चलिए दोस्तों सबसे पहले ये समझना बहुत ज़रूरी है कि कोई भी industry बनती कैसे है और चलती कैसे है। अगर ये चीज़ आपको समझ आ गयी तो आपको ज्यादा कुछ deep में जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। पहले ये जानना बहुत ज़रूरी है कि कोई भी industry बनती कैसे PHASES OF INDUSTRIES दुनिया में हरेक industry को 4 phase से गुजरना पड़ता है, और दुनिया हरेक उद्योग ऐसे ही बने थे और और आगे भी ऐसे ही बनेंगे। Negative Phase Positive Phase Growth Phase Normal Phase ये 4 phase क्या हैं ?? अब इनके बारे में थोड़ा detail से समझ लेते हैं। 1- Negative Phase हर industry की शुरुआत negative phase से ही होती है, ये वो दौर होता है जब कोई नया business market में आता है but लोगों को समझ नहीं आता। और वे इसे नकार देते हैं।और trust करना इतना आसान भी तो नहीं होता। मन में एक question आता है नयी चीज़ है क्या पता चले ना चले। For example “शुरुआत में जब banking शुरू हुयी थी तो लोगों को bank पे बिल्कुल भी ट्रस्ट नहीं था। उनको लगता था bank हमारे पैसे लेके कभी भी भाग सकता है। अपने पैसे को घर में रखना ही safe मानते थे” “Insurance Sector को लोगों ने आते ही ignore कर दिया था, वजह था trust की कमी। और reason भी जायज़ था। जब तक किसी ने insurance करवा के इसका लाभ ना लिया तब तक कोई यकीन कैसे कर सकता था। और भी बहुत सारे example हैं like IT industry, Telecom sector, Online Shopping and many more. ऐसे बहुत से example हैं जिन्हे लोगों ने आते ही “ना” कह दिया था। 2- Positive Phase ये वो time होता है जब लोगों को इस industry पे trust होना शुरू हो जाता है। अब लोग उस business model को accept करना शुरू कर देते हैं। उनका नज़रिया positive होने लगता हैं। इसका सबसे बड़ा reason होता है result दिखना। जब लोगों के सामने result आने शुरू हो जाता है तो लोगों का trust अपने आप बढ़ने लगता है। और वही लोग इसमें दिलचस्पी दिखाने लगते हैं जो पहले इसे ignore कर रहे थे। Bank पे लोगों को तब trust हुआ होगा जब किसी रिश्तेदार, दोस्त या पड़ोसी ने bank में पैसे रखे होंगे और उनको safety के साथ साथ interest भी मिला होगा। Insurance की value तब पता लगी होगी जब किसी दोस्त की दुर्घटना के बाद उसके घरवालों को insurance का पैसा मिला हो। 3- Growth Phase एक बार किसी industry पे trust होने के बाद तो उस industry की growth बहुत जल्दी और बहुत ज्यादा हो जाती है। अब किसी को industry के बारे में ज्यादा कुछ बताने या समझाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। ये वह time होता है जब लोग उस industry में invest या काम करना चाहते है। नतीजा यह होता है business अपनी पूरी speed से grow होना शुरू हो जाता है। Maximum लोग industry के growth phase में आने के बाद काम शुरू करते हैं। 4- Competition Phase यह एक ऐसा वक़्त होता है जब उस industry में competition बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। अब maximum लोग industry की growth देखकर इसमें काम करना शुरू कर देते हैं। ज्यादा लोगों के काम करने से ज्यादा profit के लिए सब एक दूसरे से competition करने लगते हैं। आज maximum sectors में competition हो रहा है। चाहे Bank हो, Insurance sector हो, Telecom हो या Online Shopping हर जगह competition शुरू हो चुका है। Industry choose करने का सही time कौन सा है ? अगर मेरी राय की बात करें तो मैं किसी भी industry में काम करने का सबसे सही टाइम Negative phase को मानता हूँ। क्यूँकि यही वो time होता है जब आपके साथ competition करने वाले ज्यादा लोग नहीं होते और grow करने का scope भी बहुत ज्यादा होता है। जब कोई industry negative zone में हो और सब इसे नकार रहे हो तो एक बार इस sector को deeply समझने की कोशिश ज़रूर कीजिये। इसके आगे growth के chances पे research करके ही कोई भी decision लेना सही होता है। किसी ने negative phase में किसी industry में entry की और काम करना शुरू किया और एक टाइम बाद जब industry की अच्छी growth हो जाय तो उस person को कितनी बड़ी success मिलेगी। ये समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है। Network Marketing Business क्यों ?? Network marketing business अभी negative phase में है। इसके बाद भी इस काम को करने के कुछ reasons हैं – Negative Phase में होने के बावज़ूद इस business ने कई सारे successful और करोड़पति पैदा कर दिए हैं। कम या बिना investment के start हो जाता है। Leadership quality को improve करता है। Positive लोगों का साथ रहके motivational मिलता है। आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इन्सान के अंदर जीत का ज़ज्बा पैदा कर देता है। Network Marketing का वर्तमान और भविष्य Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI) network marketing को आने वाले दिनों में India में बहुत बड़ी Industry के रूप में स्वीकार कर चुका है। अगर अभी FICCI की report की बात करें तो यह पोस्ट लिखे जाने तक (July 2015) वर्तमान में Network Marketing / Direct Selling industry का size 7000 करोड़ रूपये आँका गया है। पिछले 5 सालों में 20% growth रेट से India में direct selling business ने growth क Network Marketing आने वाले time का business है. आपको शायद सुनने में अजीब लगे but ये हक़ीक़त बहुत जल्दी आप लोगों के सामने आने वाली है। ये बात मैं हवा में नहीं कह रहा हूँ। इस बात में 100% सच्चाई है। Network Marketing पूरी दुनिया में बहुत तेज़ी से grow कर रही है। और जब तक दुनिया में लोग रहेंगे तब तक ये business चलता रहेगा। क`क्योकि लोगों से ही यह business चलता हैं। कोई इस business को फ़साने वाला बिज़नेस कहता है, कोई इसे बेवकूफ बनाने वाला काम कहता है, कुछ इसे फालतू लोगों का काम समझते हैं और कोई इसे time waste मानता है। इसमें मैं किसी को दोष भी नहीं देता। इसका simple सा reason है अभी Network Marketing की proper knowledge लोगों तक नहीं पहुँच पायी है। दुनिया में कुछ काम ऐसे भी होते हैं जो लोगों को आसानी से समझ नहीं आते। for example “आज हम लोग पुरे दिन में ना जाने कितनी बार Facebook पे chatting करते हैं। और उसके हम से कोई पैसे भी नहीं लिए जाते, फिर भी कमाई के मामले में Facebook का नाम top 10 websites में आता है।” कई लोगों ये बात समझ भी नहीं आती होगी कि Facebook कमाई भी करता होगा या अगर किसी को पता भी होगा तो उसका reason ही नहीं पता होगा कि income कैसे और कहाँ से होता है। चलिए दोस्तों सबसे पहले ये समझना बहुत ज़रूरी है कि कोई भी industry बनती कैसे है और चलती कैसे है। अगर ये चीज़ आपको समझ आ गयी तो आपको ज्यादा कुछ deep में जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। पहले ये जानना बहुत ज़रूरी है कि कोई भी industry बनती कैसे PHASES OF INDUSTRIES दुनिया में हरेक industry को 4 phase से गुजरना पड़ता है, और दुनिया हरेक उद्योग ऐसे ही बने थे और और आगे भी ऐसे ही बनेंगे। Negative Phase Positive Phase Growth Phase Normal Phase ये 4 phase क्या हैं ?? अब इनके बारे में थोड़ा detail से समझ लेते हैं। 1- Negative Phase हर industry की शुरुआत negative phase से ही होती है, ये वो दौर होता है जब कोई नया business market में आता है but लोगों को समझ नहीं आता। और वे इसे नकार देते हैं।और trust करना इतना आसान भी तो नहीं होता। मन में एक question आता है नयी चीज़ है क्या पता चले ना चले। For example “शुरुआत में जब banking शुरू हुयी थी तो लोगों को bank पे बिल्कुल भी ट्रस्ट नहीं था। उनको लगता था bank हमारे पैसे लेके कभी भी भाग सकता है। अपने पैसे को घर में रखना ही safe मानते थे” “Insurance Sector को लोगों ने आते ही ignore कर दिया था, वजह था trust की कमी। और reason भी जायज़ था। जब तक किसी ने insurance करवा के इसका लाभ ना लिया तब तक कोई यकीन कैसे कर सकता था। और भी बहुत सारे example हैं like IT industry, Telecom sector, Online Shopping and many more. ऐसे बहुत से example हैं जिन्हे लोगों ने आते ही “ना” कह दिया था। 2- Positive Phase ये वो time होता है जब लोगों को इस industry पे trust होना शुरू हो जाता है। अब लोग उस business model को accept करना शुरू कर देते हैं। उनका नज़रिया positive होने लगता हैं। इसका सबसे बड़ा reason होता है result दिखना। जब लोगों के सामने result आने शुरू हो जाता है तो लोगों का trust अपने आप बढ़ने लगता है। और वही लोग इसमें दिलचस्पी दिखाने लगते हैं जो पहले इसे ignore कर रहे थे। Bank पे लोगों को तब trust हुआ होगा जब किसी रिश्तेदार, दोस्त या पड़ोसी ने bank में पैसे रखे होंगे और उनको safety के साथ साथ interest भी मिला होगा। Insurance की value तब पता लगी होगी जब किसी दोस्त की दुर्घटना के बाद उसके घरवालों को insurance का पैसा मिला हो। 3- Growth Phase एक बार किसी industry पे trust होने के बाद तो उस industry की growth बहुत जल्दी और बहुत ज्यादा हो जाती है। अब किसी को industry के बारे में ज्यादा कुछ बताने या समझाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। ये वह time होता है जब लोग उस industry में invest या काम करना चाहते है। नतीजा यह होता है business अपनी पूरी speed से grow होना शुरू हो जाता है। Maximum लोग industry के growth phase में आने के बाद काम शुरू करते हैं। 4- Competition Phase यह एक ऐसा वक़्त होता है जब उस industry में competition बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। अब maximum लोग industry की growth देखकर इसमें काम करना शुरू कर देते हैं। ज्यादा लोगों के काम करने से ज्यादा profit के लिए सब एक दूसरे से competition करने लगते हैं। आज maximum sectors में competition हो रहा है। चाहे Bank हो, Insurance sector हो, Telecom हो या Online Shopping हर जगह competition शुरू हो चुका है। Industry choose करने का सही time कौन सा है ? अगर मेरी राय की बात करें तो मैं किसी भी industry में काम करने का सबसे सही टाइम Negative phase को मानता हूँ। क्यूँकि यही वो time होता है जब आपके साथ competition करने वाले ज्यादा लोग नहीं होते और grow करने का scope भी बहुत ज्यादा होता है। जब कोई industry negative zone में हो और सब इसे नकार रहे हो तो एक बार इस sector को deeply समझने की कोशिश ज़रूर कीजिये। इसके आगे growth के chances पे research करके ही कोई भी decision लेना सही होता है। किसी ने negative phase में किसी industry में entry की और काम करना शुरू किया और एक टाइम बाद जब industry की अच्छी growth हो जाय तो उस person को कितनी बड़ी success मिलेगी। ये समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है। Network Marketing Business क्यों ?? Network marketing business अभी negative phase में है। इसके बाद भी इस काम को करने के कुछ reasons हैं – Negative Phase में होने के बावज़ूद इस business ने कई सारे successful और करोड़पति पैदा कर दिए हैं। कम या बिना investment के start हो जाता है। Leadership quality को improve करता है। Positive लोगों का साथ रहके motivational मिलता है। आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इन्सान के अंदर जीत का ज़ज्बा पैदा कर देता है। Network Marketing का वर्तमान और भविष्य Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI) network marketing को आने वाले दिनों में India में बहुत बड़ी Industry के रूप में स्वीकार कर चुका है। अगर अभी FICCI की report की बात करें तो यह पोस्ट लिखे जाने तक (July 2015) वर्तमान में Network Marketing / Direct Selling industry का size 7000 करोड़ रूपये आँका गया है। पिछले 5 सालों में 20% growth रेट से India में direct selling business ने growth की है और इस situation को देखते हुए FICCI के अनुसार 2025 तक direct selling 645 अरब रूपये का व्यापर बन जायेगा। Develop countries like अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, कोरिया, थाईलैंड, वियतनाम और सिंगापुर आदि ने तो इस industry को काफी हद तक अपना लिया है और लोग भी बहुत जागरूक हैं इस industry से। अब India की बारी है। अब आपको खुद ही फैसला करना है कि आपको इस future industry में दिल से काम करना है या नहीं।